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एक मार्च को अपनी जन्मदिन की रैली में स्टालिन ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता पर जोर दिया था.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (CM M K Stalin) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु में कथित यूपी और बिहार के प्रवासियों पर हो रहे हमले की खबर भाजपा के नेताओं द्वारा फैलाया जा रही है. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के प्रवासी कामगारों पर कथित हमलों की वीडियो जो पिछले कई दिनों से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल हो रही है वो फेक निकली है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अगले साल केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए उन्होंने विपक्षी एकता का आह्वान किया है. 1 मार्च को अपनी जन्मदिन की रैली में स्टालिन ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए विपक्षी एकता पर जोर दिया था. इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई नेता शामिल हुए थे.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि राज्य में किसी भी प्रवासी श्रमिक पर कथित रूप से हमला नहीं किया गया है. सत्तारूढ़ डीएमके के प्रमुख ने कहा कि ऐसे कई प्रवासी लंबे समय से तमिलनाडु में कार्यरत थे और उन्हें कभी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि कुछ नकली वीडियो तैयार कर रहे हैं और झूठ फैला रहे हैं. उत्तर भारत में भाजपा के पदाधिकारियों ने एक एजेंडे के साथ ऐसा किया है.
जदयू ने भी भाजपा पर साधा निशाना
इसके अलावा जद (यू) ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी के ऊपर तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर कथित हमलों का अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है. जेडीयू ने कहा कि बीजेपी ऐसा इसलिए कर रही है ताकि दोनों राज्यों के बीच कथित रूप से दरार पैदा हो और वह विपक्षी दलों को डराया जा सके. गौरतलब है कि एक फेसबुक यूजर ने यात्रियों से खचाखच भरी एक ट्रेन का वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि बिहार के प्रवासी बड़ी संख्या में तमिलनाडु से अपने गृह राज्य लौट रहे हैं.
पीटीआई फैक्ट चेक में गलत निकली बात
पीटीआई फैक्ट चेक की टीम ने अपनी पड़ताल में पाया था कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में ट्रेन बिहार की राजधानी पटना और झारखंड के बरका काना के बीच यात्रा करती है. जैसा कि सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया है कि यह तमिलनाडु से बिहार तक यात्रा नहीं करती है. वीडियो के टेक्स्ट में लिखा था कि 'तमिलनाडु टू बिहार', जिसका अर्थ है कि वे दक्षिणी राज्य को छोड़कर बिहार से आए प्रवासी श्रमिक थे.