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केंद्रीय कानूनों के खिलाफ करीब एक महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. (Image- AP)
Farmers Protest: केंद्र सरकार और किसानों के बीच छठें राउंड की बातचीत खत्म हो गई है. अगली बैठक 4 जनवरी को होगी. बैठक के बात केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि दोनों तरफ से चार मामलों में से दो पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि आज की बातचीत बहुत अच्छे वातावरण में हुई और एक सकारात्मक बात पर खत्म हुई.
तोमर ने बताया कि पहला मुद्दा पर्यावरण से जुड़ा अध्यादेश था. यूनियनें इसमें किसानों को शामिल करने के साथ पराली को लेकर डरी हुई थीं. दोनों ओर ने किसानों को बाहर रखने पर सहमति जताई है. दूसरे मामले पर कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को लगता है कि अगर बिजली कानून में बदलाव लाया गया, तो उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा. यूनियनें चाहती हैं कि राज्यों द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए मिलने वाली बिजली सब्सिडी जारी रहनी चाहिए. इस मुद्दे पर भी सहमति बन गई.
Today's talks were held in a very good environment & it concluded on a positive note. Consensus on 2 out of 4 issues was reached between both sides :Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on 6th round of talks with farmers' unions at Vigyan Bhawan pic.twitter.com/kagZc8vtes
— ANI (@ANI) December 30, 2020
सरकार MSP को लिखित तौर पर देने को तैयार
इसके अलावा तोमर ने कहा कि दिल्ली में सर्द मौसम को देखते हुए, उन्होंने किसान नेताओं को बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों को घर भेजने की प्रार्थना की है. बातचीत का अगला दौर 4 जनवरी को होगा. कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार यह कहती रही है कि MSP जारी रहेगा. वे इसे लिखित में देने के लिए तैयार हैं. लेकिन किसान यूनियनों का मानना है कि इसे कानूनी रूप मिलना चाहिए. इसलिए MSP की कानूनी स्थिति और दूसरे मुद्दों पर बातचीत को 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे आगे बढ़ाया जाएगा.
बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम कुछ तो संतुष्ट हैं. दो मांगों को मान लिया गया है. अगली बैठक में हम MSP और 3 कानूनों को लेकर सरकार से बात करेंगे. कल की ट्रैक्टर रैली को हमने स्थगित कर दिया है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा.
ऑल इंडिया किसान सभा पंजाब के बलकरण सिंह बराड़ ने कहा कि सरकार ने बिजली के प्रस्तावित बिल को वापिस ले लिया है. पराली के मामले में सरकार ने अध्यादेश जारी किया था, उसे भी वापिस ले लिया है. MSP और कृषि कानूनों पर 4 तारीख को बात होगी.
यह बातचीत विज्ञान भवन में हुई. इसे लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एक दिन पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया था कि बातचीत सिर्फ तीन कृषि कानूनों को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की लीगल गारंटी देने और इलेक्ट्रिसिटी व एयर क्वालिटी से संबंधित कानूनों के ऊपर होगी.
केंद्र सरकार प्रदर्शन कर रहे किसानों को लगातार बातचीत के जरिए सभी मुद्दे सुलझाने को कह रही थी. एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया. संयुक्त किसान मोर्चा 40 किसान संगठनों को रिप्रेजेंट करता है.
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सितंबर में लागू हुआ था कृषि बिल
केंद्र सरकार ने सितंबर 2020 में तीन कृषि कानूनों को लागू किया गया था. केंद्र सरकार के मुताबिक कृषि सेक्टर के लिए यह बहुत बड़ा सुधार है. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों की अपनी फसल को देश भर में किसी भी स्थान पर किसी को भी बेचने की आजादी मिलेगी. इन कानूनों पर किसानों का कहना है कि इससे एमएसपी और मंडी खत्म हो सकती है और यह उन्हें बड़े कॉर्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ देगा. इन कानूनों को रद्द करने के लिए पिछले 31 दिन से हजारों किसान सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें से अधिकतर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं.