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खेत में हुआ हादसा; तो किसान, उसके परिजनों और बटाइदारों को 5 लाख तक मुआवजा; इस राज्य का बड़ा फैसला

खेत में काम करने के दौरान किसान की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

खेत में काम करने के दौरान किसान की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

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खेत में काम करने के दौरान किसान की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

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Farmers Accident Welfare Scheme: अगर खेत में काम करने के दौरान किसान की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा किसान या उसके परिजन के 60 फीसदी से अधिक दिव्यांग होने पर 2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला लिया है कि किसानों को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत दुर्घटना में मौत होने या दिव्यांगता होने पर सरकार द्वारा सहायता दी जाएगी. इसमें 18 से 70 साल तक के किसान और उसके परिवार के लोग शामिल होंगे. ऐसी स्थिति में किसान के परिजन (पत्नी, बेटा और बेटी) इससे लाभान्वित होंगे. यह योजना 14 सितंबर 2019 से लागू होगी.

नियम और सुविधाओं में बदलाव

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मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना करने के साथ ही इसके नियम और सुविधाओं में बदलाव किया गया है. इस योजना के दायरे में प्रदेश के दो करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे. खास बात है कि बीमे के वारिस के रूप में किसान के परिवार के अलावा बटाईदार भी हकदार होगा. अमूमन देखा गया है कि किसान की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस खेत का ट्रांसफर अपने नाम पर नहीं कराते हैं.

45 दिन के अंदर करना होगा आवेदन

योजना में शर्त रखी गई है कि दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में आवेदन सहित जमा करना होगा. इसमें एक महीने तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी को होगा, लेकिन 75 दिन के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा.

मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना की प्रमुख बातें

  • मुख्यमंत्री कृषक बीमा योजना का लाभ अब बटाईदार को भी मिलेगा. योजना के तहत बीमे की अधिकतम रकम पांच लाख रुपये होगी.
  • आंधी-तूफान और भूस्खलन में मरने या दिव्यांग होने वाले किसान के बालिग (18 से 70 वर्ष) आश्रित को भी इसका लाभ मिलेगा. अमूमन देखा गया है कि किसान की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस खेत का ट्रांसफर अपने नाम पर नहीं कराते हैं. ऐसी स्थिति में किसान के परिजन (पत्नी, बेटा और बेटी) इससे लाभान्वित होंगे.
  • अगर किसान का कोई बेटा नहीं है एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, तो उसकी बेटी (शादी हो चुकी हो तो भी) को इस योजना का लाभ मिलेगा.
  • यूपी सरकार डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में धनराशि भेज रही है.
  • हादसे के 45 दिनों के भीतर संबंधित परिवार को दावा पेश करना होगा.
  • दावे के एक माह के भीतर ऑनलाइन भुगतान संबंधित किसान के खाते में करना होगा.
  • विशेष स्थितियों में संबंधित जिले का जिलाधिकारी एक माह का अतिरिक्त समय दे सकता है.
Yogi Adityanath Farmers In India