/financial-express-hindi/media/media_files/eammkskvWRolS7heXA7g.jpg)
दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर शंभू बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई के दौरान आंसू गैस से बचकर भागते किसान आंदोलनकारी. पंजाब-हरियाणा सीमा की यह तस्वीर बुधवार 21 फरवरी की है. (AP Photo)
Farmers observing 'black day' on Friday, NSA imposed against leaders: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग के लिए आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच बढ़ते तनाव के बीच हरियाणा सरकार ने पहले तो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई का एलान किया और फिर उसे वापस ले लिया. हरियाणा सरकार ने किसान नेताओं के खिलाफ ‘रासुका’ के तहत कार्रवाई का एलान भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन राज्य की पुलिस का आरोप है कि किसान आंदोलन (Farmer Protests) के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान हो रहा है, जिसके लिए किसान नेता जिम्मेदार हैं. हरियाणा के अंबाला की पुलिस ने इस नुकसान की भरपाई किसानों से करने की चेतावनी देते हुए उनकी संपत्तियां जब्त करने की बाच भी कही है.
हरियाणा पुलिस का ताजा बयान
किसानों ने एक युवा आंदोलनकारी की मौत के बाद अपना 'दिल्ली चलो मार्च' दो दिन के लिए रोक दिया था. लेकिन इसी बीच खबर आई कि हरियाणा पुलिस ने अंबाला जिले में किसान नेताओं और यूनियनों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) 1980 के तहत कार्रवाई शुरू करने का एलान किया है. हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने यह आरोप भी लगाया कि आंदोलन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई प्रदर्शनकारी किसानों से की जाएगी. हालांकि अब से थोड़ी देर पहले अंबाला पुलिस ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करके कहा कि किसान नेताओं पर रासुका लगाने का फैसला वापस ले लिया गया है. अंबाला पुलिस की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है, "अंबाला जिले में कुछ किसान यूनियनों के नेताओं के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के प्रावधान लगाए जाने के मुद्दे पर फिर से विचार करने के बाद यह फैसला किया गया है कि ऐसा नहीं किया जाएगा. हरियाणा पुलिस प्रदर्शनकारियों और उनके नेताओं से अपील करती है कि वे शांति बनाए रखें और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों की मदद करें."
NSA not being invoked @police_haryana@AdgpAmbalaRange@DGPHaryanapic.twitter.com/CTFftMNEi5
— Ambala Police (@AmbalaPolice) February 23, 2024
संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही शुरू : अंबाला पुलिस
इससे पहले सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक आधिकारिक बयान में अंबाला पुलिस ने लिखा था, “किसान आंदोलन के दौरान हुई सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों की संपत्ति की कुर्की और बैंक खातों को सीज करने की कार्यवाही शुरू.” अंबाला पुलिस की तरफ से जारी इस बयान में कहा गया था, "दिनांक 13 फरवरी 2024 से किसान संगठनों द्वारा किसानों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर शम्भू बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं व पुलिस प्रशासन पर पत्थरबाजी व हुड़दंगबाजी करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की प्रतिदिन कोशिश की जा रही है. इस दौरान उपद्रवियों द्वारा सरकारी व प्राइवेट संपत्ति को किए गए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा पहले ही इस संबंध में आमजन को सूचित/सतर्क किया गया था कि इस आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी व प्राइवेट संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो इस नुकसान की भरपाई उनकी संपत्ति व बैंक खातों को सीज करके की जाएगी.....इस संबंध में आंदोलनकारियों व संगठन के पदाधिकारियों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कार्यवाही अमल में लाई जा रही है." खास बात ये है कि अंबाला पुलिस ने अब रासुका नहीं लगाने की बात तो कही है, लेकिन उसके पिछले बयान में 'संपत्ति की कुर्की और बैंक खातों को सीज करने की कार्यवाही शुरू' करने की जो बात कही गई थी, उसमें अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी किसानों के खिलाफ कुर्की और बैंक खाते सीज करने की कार्रवाई अब भी जारी है.