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Farmers Protest: किसानों और केंद्र सरकार के बीच आज पांचवें राउंड की बातचीत हुई. इस बैठक के बाद फैसला हुआ है कि किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत 9 दिसंबर को होगी. बैठक में कृषि मंत्री ने कहा था कि वे सभी से अपील करते हैं कि वे प्रदर्शन की जगह पर मौजूद वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को घर जाने के लिए कहें. केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ बैठक के दौरान कहा कि वे दो दिन बाद अगले दौर की बातचीत के लिए मिल सकते हैं.
किसान नेताओं ने बैठक में कहा कि उनके पास एक साल के लिए सामान है. वे पिछले कई दिनों से सड़कों पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि वे सड़कों पर रहें, तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है. किसान नेताओं ने बैठक के दौरान केंद्र को कहा कि उन्हें कॉरपोरेट खेती नहीं चाहिए. इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं.
सरकार 9 दिसंबर को बैठक से पहले भेजेगी प्रस्ताव
किसान नेताओं ने बातचीत खत्म होने के बाद बताया कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे किसानों को 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेगी. वे उस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन बैठक होगी. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार एक ड्राफ्ट तैयार करके हमें देगी. MSP पर भी बात हुई लेकिन हमने कहा कि हमें कानूनों को उठाना चाहिए और उनके वापस लेने पर बात होनी चाहिए. 8 दिसंबर को एलान किया गया भारत बंद होगा. ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव ने कहा कि हमने बैठक की शुरुआत में कहा कि उनकी मांग कानूनों को वापस लेने की है, वे संशोधन नहीं चाहते हैं. उन्होंने मजबूत पक्ष रखा. आखिरकार, हमें बता दिया गया कि अगली बैठक 9 दिसंबर को होगी. ऐसा लगता है कि सरकार निश्चित कानूनों को वापस ले लेगी.
Central Government has said that they will send us a proposal on December 9th. We will discuss it amongst ourselves after which a meeting with them will be held that day: Farmer leaders say after the fifth round of meeting with Central Government concludes#FarmLaws2020pic.twitter.com/GidiFmEDYX
— ANI (@ANI) December 5, 2020
MSP जारी रहेगा, इसे लेकर कोई खतरा नहीं: तोमर
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उन्होंने कहा है कि MSP जारी रहेगा, इसे लेकर कोई खतरा नहीं है. इस पर शक करना बेबुनियाद है. फिर भी, अगर किसी को संदेह है, तो सरकार इसका समाधान करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि उनकी राज्यों में मंडी पर असर डालने की कोई मंशा नहीं है, वे कानून से प्रभावित भी नहीं हैं. सरकार उसकी शक्ति में मौजूद कुछ भी करने के लिए तैयार है, जिससे APMC ज्यादा मजबूत हो. अगर किसी को APMCs के मामले में गलतफहमी है, तो सरकार इस पर सफाई देने के लिए बिल्कुल तैयार है.
We have said that the MSP will continue, there is no threat to it. It is baseless to doubt this. Still, if someone is suspicious then the government is ready to resolve it: Agriculture Minister Narendra Singh Tomar #FarmLawspic.twitter.com/MLIQ7bLwUQ
— ANI (@ANI) December 5, 2020
तोमर ने कहा कि उन्होंने किसानों को बताया कि सरकार उनके सभी बातों को देख रही है. उनके लिए समाधान खोजना आसान होगा, अगर किसान नेताओं से उन्हें सुझाव मिलते हैं. वे किसान यूनियनों को प्रार्थना करते हैं कि वे कोविड और ठंडे मौसम को देखते हुए वरिष्ठ लोगों और बच्चों को घर वापस भेज दें. कृषि मंत्री ने 8 दिसंबर को भारत बंद के बारे में बोला कि वे यूनियनों के किसी कार्यक्रम पर टिप्पणी देना नहीं चाहते. लेकिन वे किसानों और यूनियनों को अपील करते हैं कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़ दें और बातचीत के रास्ते पर आएं. सरकार ने उनके साथ कई दौर की बातचीत की है और वे समाधान के लिए आगे चर्चा के लिए तैयार हैं.
विज्ञान भवन में हुई बैठक के पांचवें दौर में किसान के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को पिछली बैठक का लिखित जवाब देने को कहा. इसके लिए सरकार ने सहमति दी. बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई थी कि किसानों से बातचीत बेहतर रहेगी और वे अपना आंदोलन वापस ले लेंगे. यह बैठक आज दोपहर दो बजे से शुरू हुई. बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर पीएम मोदी के आवास पर पहुंचे थे.
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली के कई प्रवेश द्वार पर आज भी जारी है. दिल्ली से नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. एक किसान का कहना है कि अगर आज की बैठक में किसानों के हक में फैसला नहीं आता है तो संसद का घेराव किया जाएगा.
Delhi: Farmers continue to hold a sit-in protest at Chilla border (Delhi-Noida Link Road) against the Centre's #FarmLaws.
A farmer says, "If anything concrete doesn't happen in today's meeting with the Central government then we will gherao the Parliament." pic.twitter.com/4mPOeAm9Xm
— ANI (@ANI) December 5, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है. किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह का कहना है कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी.
आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी: आज केंद्र सरकार के साथ कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक पर किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह #FarmersProtestpic.twitter.com/solGkrlCLa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
सभी टोल प्लाजा पर किसानों का कब्जे की चेतावनी
एक दिन पहले सिंघू बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर) पर डटे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-लखवाल) के जनरल सेक्रेटरी, हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा था कि 5 दिसंबर को पूरे भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पुतले जलाए जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान भी किया है. एक दिन पहले 4 दिसंबर को लखवाल ने कहा कि किसानों ने अपनी बैठक में 8 दिसंबर को भारत बंद का एलान किया है. इसके दौरान किसान सभी टोल प्लाजा पर कब्जा कर लेंगे. उन्होंने सरकार को चेतावनी दिया है कि यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई गई है.
सिंघू बॉर्डर पर डीएसजीएमसी भोजन व्यवस्था
दिल्ली सिख गुरद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) सिंघू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही है. एक वालंटियर का कहना है कि किसानों को हर दिन तीन बार भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee (DSGMC) prepares food for the farmers protesting at Singhu border (Delhi-Haryana).
A volunteer says, "We are providing meals three times a day." pic.twitter.com/vcnhXI80LY
— ANI (@ANI) December 5, 2020
इन रास्तों के जरिए दिल्ली में प्रवेश बंद
गौतम बुद्ध विहार के नजदीक स्थित चिल्ला बॉर्डर पर किसान आंदोलन के कारण नोएडा से दिल्ली ट्रैफिक मूवमेंट को बंद कर दिया गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सुझाव दिया है कि नोएडा से दिल्ली आने के लिए नोएडा लिंक रोक पकड़ने की बजाए डीएनडी का प्रयोग करें. गाजियाबाद से दिल्ली आने के लिए एनएच-24 पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर बंद है.
दिल्ली- हरियाणा बॉर्डर सिर्फ दोपहिया गाड़ियों की आवाजागी के लिए खुला हुआ है. हरियाणा जाने के लिए धंसा, दौरेला, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच-8, बिजवासव/बजघेरा, पालम विहार और डुंडहेड़ा के रास्ते खुले हुए हैं.