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फिक्की प्रेसिडेंट उदय शंकर ने सरकार से मांग की है कि कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत 18-45 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को भी जोड़ा जाना चाहिए.
इंडस्ट्री बॉडी फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने सरकार से आग्रह किया है कि सभी राज्यों में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाई जाए और 18-45 वर्ष की उम्र के लोगों का भी वैक्सीनेशन शुरू किया जाए. फिक्की ने कोरोना महामारी से लड़ाई में इंडस्ट्री के सहयोग का भरोसा दिलाया है. इंडस्ट्री बॉडी फिक्की के प्रेसिडेंट उदय शंकर ने इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है. पत्र में फिक्की ने कहा कि इस समय हर दिन 11 लाख सैंपल्स की टेस्टिंग हो रही है जबकि जनवरी में हर दिन 15 लाख सैंपल्स की टेस्टिंग हो रही थी. फिक्की ने कहा कि देश में इस समय 2440 लैब्स के जरिए टेस्टिंग बढ़ाने की क्षमता है. इसमें से 1200 से अधिक लैब्स प्राइवेट सेक्टर से हैं. उदय शंकर ने कहा कि राज्यों को निजी सेक्टर के लैब्स की क्षमता को यूटिलाइज करने की सलाह दी जा सकती है ताकि टेस्टिंग बढ़ाई जा सके.
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18-45 वर्ष के लोगों से बढ़ रहा संक्रमण
फिक्की प्रेसिडेंट उदय शंकर ने सरकार से मांग की है कि कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत 18-45 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को भी जोड़ा जाना चाहिए. फिक्की के प्रेसिडेंट का मानना है कि इस आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन कार्यक्रम से इसलिए जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि इसी आयु वर्ग के लोगों के चलते देश भर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. शंकर के मुताबिक देश में वैक्सीन की कमी नहीं है तो ऐसे में निजी सेक्टर की मदद से वैक्सीनेशन कार्यक्रम का विस्तार करना चाहिए.
1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन
शंकर ने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन से कहा कि निजी क्षेत्र की मदद से देश में टीकाकरण तेज किया जा सकता है. इसके अलावा देश में टीके की शॉर्टेज नहीं है तो 18-45 आयु वर्ग के लोगों को भी टीके लगाने की शुरुआत की जानी चाहिए क्योंकि इनकी वजह से देश भर में तेजी से संक्रमण तेजी से फैल रहा है. शंकर ने कहा कोरोना महामारी से लड़ाई में सरकार को उद्योगों से पूरा सहयोग मिलेगा. बता दें कि भारतमें 19 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो चुका है जिसके तहत अब तक प्रॉयोरिटी के हिसाब से पहले हेल्थवर्कर्स और फिर फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की डोज दी गई. इसके बाद वैक्सीनेशन कार्यक्रम से 45 वर्ष से अधिक उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों व 60 वर्ष से अधिक लोगों को वैक्सीन के टीके देने की शुरुआत हुई. अब 1 अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक की उम्र के लोग भी वैक्सीन की डोज लगवा सकते हैं.