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Image: IAF Twitter
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भारतीय वायुसेना में तीन दशक से अधिक समय तक सेवा में रहने वाले लड़ाकू विमान मिग-27 (MIG-27) ने आज आखिरी उड़ान भरी. कारगिल युद्ध और ऑपरेशन पराक्रम के हीरो कहलाने वाले मिग-27 को विदाई देने के लिए भारतीय वायुसेना ने जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर ग्रैंड सेरेमनी आयोजित की.
भारतीय वायु सेना के बेड़े में 1985 में शामिल किया गया मिग-27 अत्यंत सक्षम लड़ाकू विमान है और जमीनी हमले की क्षमता का आधार रहा है. वायु सेना के सभी प्रमुख ऑपरेशन्स में भाग लेने के साथ मिग-27 नें 1999 के कारगिल युद्ध में भी एक अभूतपूर्व भूमिका निभाई थी. इस लड़ाकू विमान ने रॉकेट और बमों को दुश्मनों के ठिकानों पर एकदम सटीक निशाना लगाया था.
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Rajasthan: Indian Air Force retires MiG-27 today at Air Force Station Jodhpur pic.twitter.com/lClqHd5ifa
— ANI (@ANI) December 27, 2019
खासियत
मिग 27 एक रूसी सिंगल इंजन, सिंगल सीटर टैक्टीकल स्ट्राइक ग्राउंट अटैक फाइटर एयरक्राफ्ट है. इसकी मैक्सिमम स्पीड 1700 km/hr (Mach 1.6) है. यह एक 23 एमएम सिक्स बैरल रोटरी इंटीग्रल कैनन और कई रॉकेट, एयर टू सरफेस, एयर टू एयर मिसाइल्स और बम समेत 4000 किलो तक का अन्य आर्मामेंट एक्सटर्नली ढो सकता है. इसकी रेंज 2,500 km (1,550 mi; 1,350 nmi) है.