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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को पत्र लिखा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण माल एवं सेवाकर (GST) क्षतिपूर्ति को लेकर सभी राज्यों को पत्र लिखा है. उन्होंने यह पत्र केंद्र के राज्यों की तरफ से जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने के लिए सहमत होने के एक दिन बाद यह पत्र लिखा है. इस हफ्ते सोमवार को इसी मुद्दे पर जीएसटी परिषद की बैठक में आम सहमति नहीं बन पाई थी. केंद्र ने तब कहा था कि भविष्य की प्राप्तियों के एवज में राज्यों को खुद बाजार से कर्ज उठाना चाहिए. केंद्र के इस प्रस्ताव पर कुछ राज्य सरकारें सहमत नहीं थी.
वित्त मंत्री ने राज्यों को पत्र लिख दिया केंद्र का समाधान प्रस्ताव
सीतारमण ने राज्यों को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि कई राज्यों से मिले सुझाव के आधार पर केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर निर्णय किया है. इसके मुताबिक केंद्र सरकार शुरू में राशि प्राप्त करेगी और उसके बाद उसे राज्यों को समय-समय पर कर्ज के रूप में देगी. केंद्रीय वित्त मंत्री का मानना है कि केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय होगा और कर्ज लेने में आसानी होगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इससे ब्याज दर भी अनुकूल रहेगी. पत्र में कहा गया है कि इससे अब राज्यों के पास इस साल दी जाने वाली क्षतिपूर्ति को पूरा करने के लिये पर्याप्त राशि होगी. कर्ज ब्याज का भुगतान भविष्य में मिलने वाले उपकर से किया जाएगा.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने की तारीफ
केंद्र में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव की तारीफ की है. इससे पहले कांग्रेस राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के एवज में कर्ज लेने के प्रस्ताव का विरोध किया था. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जीएसटी राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा खुद 1,10,208 करोड़ रुपये कर्ज लेने के निर्णय का स्वागत किया है. कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि केंद्र ने पहला कदम सही उठाया है और उसे अब राज्यों के साथ भरोसा बनाने के लिए काम करना चाहिए.
चिंदबरम ने केंद्र से राज्य के साथ भरोसा बनाने की अपील की
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में पहली बार सही कदम उठाया और अब वे अपील कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दूसरा कदम उठाएं और केंद्र व राज्यों के बीच भरोसा बनाएं.