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The change made shareholders who were in the higher tax slab pay more tax on the dividend received. Image: PTI
Union Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2021-22 के लिए लगातार की जा रहीं बजट पूर्व बैठकों का दौर खत्म हो गया है. ये बैठकें 14 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित की गईं. कोरोनावायरस महामारी के चलते इस बार सभी प्री-बजट मीटिंग्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई हैं. सरकार को आम बजट से पहले आयोजित बैठकों में राजकोषीय नीति, टैक्सेशन और हरित वृद्धि सहित विभिन्न मुद्दों पर अंशधारकों से तमाम सुझाव मिले हैं.
वित्त मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया है कि नौ अंशधारक समूहों के 170 आमंत्रित प्रतिनिधियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 15 वर्चुअल बैठकों में भाग लिया. इन बैठकों में वित्त और पूंजी बाजार, स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास, जल एवं साफ-सफाई, ट्रेड यूनियनों और श्रम संगठनों, सेवा और व्यापार, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रतिनिधिनियों व उद्योगपतियों और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया.
ये हैं सुझाव वाले विभिन्न विषय
चर्चा में शामिल हुए हितधारक समूहों ने बजट 2021 के लिए विभिन्न विषयों पर कई सुझाव दिए, जिनमें टैक्सेशन समेत राजकोषीय नीति, बॉन्ड बाजार, बीमा, इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी खर्च, स्वास्थ्य एवं शिक्षा बजट, सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास, जल संचयन एवं संरक्षण, स्वच्छता, मनरेगा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, व्यापार करने में आसानी, उत्पादन से जुड़ी निवेश योजना, निर्यात, ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की ब्रांडिंग, सार्वजनिक क्षेत्र के कामकाज का तंत्र, इनोवेशन, हरित विकास, ऊर्जा एवं वाहनों के गैर-प्रदूषणकारी स्रोत शामिल थे.
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इन अधिकारियों ने लिया भाग
वित्त मंत्री के अलावा इन बैठकों में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय, वित्तीय सेवा सचिव देवाशीष पांडा, दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय, व्यय सचिव टी वी सोमनाथन, आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज, मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. भागीदारों ने कोविड-19 महामारी को लेकर सरकार के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से है, जहां महामारी की वजह से मृत्यु दर घट रही है और आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं.