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सरकार की कृषि क्षेत्र को बैंकों द्वारा दिए जा रहे कर्ज पर नजर: निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर नजर रखे हुए है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर नजर रखे हुए है.

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PTI
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finance minister nirmala sitharaman says government is monitoring government is monitoring credit given to agriculture sector

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर नजर रखे हुए है. (Image: ANI)

finance minister nirmala sitharaman says government is monitoring government is monitoring credit given to agriculture sector निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर नजर रखे हुए है. (Image: ANI)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र को दिए जा रहे ऋणों की स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 15 लाख करोड़ रुपये के ऋण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा. सरकार ने 2020-21 के आम बजट में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण वितरण का लक्ष्य 11 फीसदी बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये रखा है. बजट में कृषि और संबंधित क्षेत्रों की विविध योजनाओं के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. वह भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद संबोधित कर रही थीं.

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ऋण सीमा बढ़ाई गई: सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि ऋण सीमा बढ़ा दी गयी है. उन्हें पूरा भरोसा है कि यह स्थानीय जरूरतों के हिसाब से तय की गई है. उन्हें मांग में वृद्धि की उम्मीद है और इसे पूरा करने के लिए ऋण की जरूरत भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि वे वास्तव में बैंकों की निगरानी कर रही हैं और खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लिए ऋण सुविधाओं के विस्तार पर मेरी बारीक नजर है. उन्हें उम्मीद है कि वे इसे (लक्ष्य को) हासिल कर लेंगे. चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 13.5 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है.

सामान्यत तौर पर कृषि ऋण पर बैंक नौ फीसदी का सालाना ब्याज रखते हैं लेकिन सरकार इस पर दो प्रतिशत की ब्याज सहायता किसानों को देती है. यह सहायता तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के ऋणों पर दी जाती है. इस तरह कृषि ऋण पर प्रभावी ब्याज दर सात फीसदी सालाना बनती है.

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बैंकों के एकीकरण से सरकार पीछे नहीं हटेगी: सीतारमण

बड़े पैमाने पर सरकारी बैंकों के एकीकरण के प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक में शनिवार को इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर पीछे हटने का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे पीछे हटने का कोई कारण है और ना ही ऐसी कोई वजह है जिसके चलते किसी अधिसूचना में कोई देर हो. जब भी कोई बात होगी, उसकी जानकारी आप तक पहुंच जाएगी.

पिछले साल अगस्त में सरकार ने 10 अलग-अलग सरकारी बैंकों का आपस में विलय करके चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया था. इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पंजाब नेशनल बैंक में मिलाया जाना है. इसके अलावा सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक के साथ, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक के साथ और आंध्रा बैंक एवं कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलाया जाना है.

इससे पहले अप्रैल 2019 में सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर चुकी है. वहीं अप्रैल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंक : स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था.

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