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सरकारी बैंकों के CEOs के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मीटिंग कल; लोन दिए जाने, ब्याज दर कटौती समेत कई मुद्दों पर होगी चर्चा

यह बैठक कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयासों का हिस्सा है.

यह बैठक कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयासों का हिस्सा है.

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PTI
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Finance Minister Nirmala Sitharaman will hold a review meeting with CEOs of public sector banks (PSBs) on Monday to discuss various issues, including credit offtake यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. (Image: PTI)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ समीक्षा बैठक करेंगी. इसमें कर्ज के उठाव की स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. यह बैठक कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयासों का हिस्सा है. सूत्रों ने कहा कि यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. इसमें कर्ज लेने वालों तक ब्याज दर में कमी का फायदा पहुंचाने और कर्ज की किस्तों के भुगतान के लिए बैंकों की ओर से मोहलत देने की योजना की प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी.

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 27 मार्च को अपनी नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती की थी. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा लॉकडाउन से प्रभावित कर्जदारों को किस्त चुकाने में तीन महीने तक राहत दिए जाने की भी घोषणा की थी. इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी. उन्होंने बैठक में आर्थिक स्थिति का जायजा लिया था और केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित विभिन्न मोहलत देने जैसे सहायता के उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी.

सूत्रों ने कहा कि सोमवार की बैठक में रिवर्स रेपो के जरिये बैंकों के लिये अतिरिक्त पूंजी की व्यवस्था का भी मुद्दा चर्चा के लिये सामने रखा जा सकता है. इसके अलावा, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिये लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) की प्रगति व कोविड-19 आपातकालीन ऋण सुविधा के तहत कर्ज के आवंटनों की भी समीक्षा की जाएगी. आपातकालीन ऋण सुविधा के तहत, कर्जदार मौजूदा कोष आधारित कार्यशील पूंजी के अधिकतम 10 फीसदी के बराबर कर्ज का लाभ उठा सकते हैं. इसकी अधिकतम सीमा 200 करोड़ रुपये है.

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EMI मोरेटोरियम का 3.2 करोड़ कर्जदारों ने लिया फायदा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लॉकडाउन की शुरुआत के बाद से (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों) एमएसएमई क्षेत्र और अन्य कंपनियों को 42,000 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी दी है. वित्त मंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा था कि रिजर्व बैंक द्वारा घोषित ‘तीन महीने तक कर्ज की किस्तों के भुगतान से राहत’ योजना के तहत 3.2 करोड़ कर्जदारों ने लाभ उठाया है. उन्होंने ट्वीट किया था, "पीएसबी ने आरबीआई की सिफारिशों के अनुसार कर्ज की किस्तें चुकाने से राहत देने का काम पूरा कर लिया है. इस लाभ को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाये जाने से 3.2 करोड़ से अधिक खातों को तीन महीने की राहत मिल पाना सुनिश्चित हुआ. संदेहों के त्वरित समाधान ने ग्राहकों की चिंता दूर की. इससे लॉकडाउन के दौरान जिम्मेदार बैंकिंग सुनिश्चित हुई.’’

मार्च-अप्रैल: सरकारी बैंकों ने मंजूर किए 5.66 लाख करोड़ के कर्ज

सीतारमण ने यह भी कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च-अप्रैल के दौरान 5.66 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं. लॉकडाउन हटाये जाने के तुरंत बाद इनका वितरण शुरू हो जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ेंगी. उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को निरंतर ऋण प्रवाह बनाये रखने में मदद करने के लिये एक मार्च से चार मई के बीच 77,383 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी. इसके अलावा, लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के तहत, कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण की व्यवस्था "व्यापार स्थिरता और निरंतरता को सुनिश्चित करने" के लिये की गई.

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