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FM Nirmala Sitharaman (Image: PTI)
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100 days of Modi 2.0: केन्द्र सरकार चल रही मंदी को लेकर पूरी तरह जागरुक है और इकोनॉमिक ग्रोथ को रिवाइव करने के लिए कदम उठा रही है. यह बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी 2.0 के 100 दिन पूरे होने पर की गई एक प्रेस कांफ्रेंस में कही. उन्होंने इस दौरान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अब तक के कदमों का लेखा-जोखा पेश किया.
इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए क्या उपाय हो रहे हैं, इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस बारे में जागरुक है और कदम उठा रही है. अब प्रतिक्रिया मिलने का इंतजार है. बता दें कि भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में गिरकर 5 फीसदी आ गई है, जो पिछले 6 सालों का सबसे निचला स्तर है.
सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए कुछ कदमों पर काम कर रही है. विभिन्न इंडस्ट्रीज की चिंताओं को हम समझते हैं. इस वक्त सरकार का पूरा फोकस इस बात पर है कि अगली तिमाही में जीडीपी कैसे बढ़ सकती है. जीडीपी रेवेन्यु कलेक्शन पर ध्यान देने की और गुंजाइश व काम को विस्तार देने की जरूरत है.
जॉब लॉस पर लिया जा रहा है इनपुट
रोजगार में कमी आने की समस्या पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इकोनॉमी के हर सेक्टर से बात कर रही है, इनपुट ले रही है. इस वक्त ऑटो सेक्टर भारी जॉब लॉस से गुजर रहा है, इसकी वजह है कि आॅटो इंडस्ट्री में फरवरी माह से स्लोडाउन चल रहा है.
अनुच्छेद 370 हटाना था काफी पुराना सपना
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि यह काफी लंबे वक्त से बीजेपी का सपना था. सरकार चाहती है कि जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों के जैसे ही समान अधिकार मिलें. आगे कहा कि सरकार महिलाओं को समान रोजगार अवसर उपलब्ध कराने के लिए वेतन कोड लेकर आई. इसके अलावा सामाजिक न्याय की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं. मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए.
GST में कटौती अकेले मेरे हाथ में नहीं
GST रेट में कटौती को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि यह उनके अकेले के हाथ में नहीं है. कटौती की जाए या नहीं, यह पूरी GST काउंसिल का मिला-जुला फैसला होता है. वहीं, 10 सरकारी बैंकों के मर्जर पर उन्होंने कहा कि इस विचार के पीछे मकसद है एक से दूसरे को फायदा पहुंचाना. बढ़ती इकोनॉमी के लिए अच्छे बैंकों की जरूरत है. बैंकों का मर्जर कब से प्रभावी होगा, इसकी तारीख संबंधित बैंकों के बोर्ड तय करेंगे.