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फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडिटर सुनील जैन नहीं रहे, कोविड-19 के कारण निधन

कोरोना इंफेक्शन के चलते सेहत खराब होने के कारण सुनील जैन 3 मई से दिल्ली के AIIMS में भर्ती थे.

कोरोना इंफेक्शन के चलते सेहत खराब होने के कारण सुनील जैन 3 मई से दिल्ली के AIIMS में भर्ती थे.

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FE Online
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फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडिटर सुनील जैन नहीं रहे, कोविड-19 के कारण निधन

AIIMS के डॉक्टर पूरे प्रयासों के बावजूद सुनील जैन को बचा नहीं सके.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडिटर सुनील जैन नहीं रहे. कोविड-19 से कई दिनों तक जूझने के बाद आखिरकार 15 मई को उन्होंने अंतिम सांस ली. 58 साल के सुनील जैन को कोविड-19 इंफेक्शन के कारण सेहत बिगड़ने पर 3 मई को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के पूरे प्रयासों और बेहतर से बेहतर इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका.

उनकी बहन संध्या जैन ने यह दुखद समाचार बताते हुए लिखा, "मेरे भाई सुनील जैन का कोविड के चलते हुई जटिलताओं के कारण निधन हो गया. उन्हें दिन में पहले दिल का दौरा पड़ा, लेकिन उसमें वे बच गए थे. लेकिन आखिरकार रात 8.30 बजे उन्हें दिल का एक और दौरा पड़ा, जिससे उनका निधन हो गया. AIIMS के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किया. दुख की इस घड़ी में हमारा साथ देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देती हूं."

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनील जैन को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा है, "आप हमें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए सुनील जैन. मुझे आपके कॉलम्स की और अलग-अलग मु्द्दों पर आपकी बेबाक और गहरी समझ से भरी बातों की कमी महसूस होगी. आप अपने प्रेरणास्पद काम की विरासत पीछे छोड़ गए हैं. आपके दुखद निधन से पत्रकारिता का बड़ा नुकसान हुआ है. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के लोगों और मित्रों के साथ हैं. ओम शांति."

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सुनील जैन को ट्विटर के जरिए श्रद्धांजलि दी है.

इंडियन एक्सप्रेस के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका ने अपने ट्वीट में लिखा है, "फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडिटर सुनील जैन आखिरकार कोविड के खिलाफ अपनी लड़ाई हार गए. वे एक ऐसे मित्र थे जो अपनी गहरी सत्यनिष्ठा और प्रोफेशनल कमिटमेंट से हमें प्रेरित करते थे. उनसे परिचय मेरे लिए खुशकिस्मती की बात थी, उनका उत्साह, संतुलित दृष्टि और बुद्धिमत्ता हमेशा याद रहेंगे. आपका एक्सप्रेस परिवार आपकी कमी महसूस करेगा."

सुनील जैन एक दशक से भी ज्यादा वक्त से फाइनेंशियल एक्सप्रेस के साथ थे. 1986 में दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से प्रोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने अपना करियर एक कंसल्टेंट के तौर पर शुरू किया था. उसके बाद उन्होंने FICCI में एक्सपोर्ट पॉलिसी डेस्क का काम संभाला. पत्रकारिता की अपनी पारी उन्होंने 1991 में इंडिया टुडे मैगज़ीन के साथ शुरू की थी. सुनील जैन एक साल तक इंडिया टुडे के बिजनेस एडिटर रहने के बाद इंडियन एक्सप्रेस में आ गए, जहां उन्होंने बिजनेस और इकॉनमी के कवरेज का नेतृत्व किया. करीब 6 साल बाद सुनील जैन बिजनेस स्टैंडर्ड में चले गए, जहां वे आठ साल तक रहे. 2010 में वे एक बार फिर फाइनेंशियल एक्सप्रेस के जरिए इंडियन एक्सप्रेस समूह से जुड़े.