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पटाखों की बिक्री 40% घटी, दिल्ली-NCR में 500 करोड़ का स्टॉक बेकार; कारोबारियों ने कहा- ग्रीन पटाखों के लिए पॉलिसी लाए केंद्र

SC ban on firecrackers : दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन पटाखा के आदेश के कारण 500 करोड़ रुपये का स्टॉक बेकार हो गया है.

SC ban on firecrackers : दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन पटाखा के आदेश के कारण 500 करोड़ रुपये का स्टॉक बेकार हो गया है.

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IANS
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दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन पटाखा के आदेश के कारण 500 करोड़ रुपये का स्टॉक बेकार हो गया है. (PTI)

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सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों की बिक्री और उसे जलाने पर कड़े नियम लागू किए जाने के कारण देश के 20,000 करोड़ रुपये के पटाखा कारोबार पर असर पड़ा है और दिवाली के दौरान बिक्री में 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन पटाखा के आदेश के कारण 500 करोड़ रुपये का स्टॉक बेकार हो गया है. पटाखा निर्माताओं ने केंद्र सरकार से 'ग्रीन पटाखे' के निर्माण के लिए दिशानिर्देश जारी करने और समग्र नीति लागू करने की मांग की है.

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कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "पटाखों का देश भर में सालाना 20,000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है. इस साल बिक्री में पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी की गिरावट आई है. हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं. यह पर्यावरण के लिए अच्छा है, लेकिन बाजार में मंदी छा गई है."

दिल्ली-NCR में 500 करोड़ रुपये का स्टॉक बेकार

खंडेलवाल ने कहा, "दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के ग्रीन पटाखा के आदेश के कारण 500 करोड़ रुपये का स्टॉक बेकार हो गया है. इतने कम समय में हम इसे बेचने के लिए दूसरे राज्य भी नहीं ले जा सकते हैं, न ही हम इसे ग्रीन प्रोडक्ट बना सकते हैं, क्योंकि सरकार की तरफ से अभी तक ग्रीन पटाखों की परिभाषा ही नहीं बताई गई है."

दिवाली पर होता है 80 फीसदी कारोबार

खंडेलवाल ने कहा कि पटाखे का कारोबार मौसमी होता है और दिवाली के दौरान ही 80 फीसदी सालाना बिक्री होती है. उन्होंने कहा, "इस उद्योग से लाखों लोग जुड़े हैं, जिनकी आजीविका प्रभावित हुई है." उन्होंने कहा कि पटाखा निर्माता और व्यापारी सुप्रीम कोर्ट से इस साल छूट देने की भी मांग की थी.

सारा बंगला आतिशबाजी उन्नयन समिति के अध्यक्ष बाबला राय ने बताया, "पटाखा जलाने के लिए दो घंटे का वक्त दिया गया है. इतने कड़े नियम के कारण हमारी बिक्री में 40 फीसदी की कमी आई है." अदालत ने हालांकि अपने आदेश में कहा कि यह दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों के लिए ही है और बाकी देश पर लागू नहीं होता है.