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एयर इंडिया वन एडवांस्ड व सिक्योर्ड कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस है.
भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए दो वीवीआईपी 'एयर इंडिया वन' (Air India One) एयरक्राफ्ट में से पहला एयरक्राफ्ट गुरुवार को शाम 3 बजे के करीब दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड कर गया. इसका नाम B-777 है. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह स्पेशल एक्स्ट्रा सेक्शन फ्लाइट एयरक्राफ्ट है. अगस्त की शुरुआत में एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों, सुरक्षा अधिकारियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का एक दल वीवीआईपी एयरक्राफ्ट एयर इंइिया वन की डिलीवरी लेने के लिए अमेरिका रवाना हुआ था.
सूत्रों के मुताबिक, वीवीआईपी एयरक्राफ्ट B-777, वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट बोइंग B-747 जंबो एयरक्राफ्ट का रिप्लेसमेंट है, जिसका कॉल साइन 'एयर इंडिया वन' है. एयर इंडिया वन एडवांस्ड व सिक्योर्ड कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस है. इसके चलते आकाश में भी ऑडियो व वीडियो कम्युनिकेशन फंक्शंस का इस्तेमाल किया जा सकता है, वह भी हैकिंग या टैपिंग की चिंता किए बिना. इस एयरक्राफ्ट के इंटीरियर की डिजाइन काफी आकर्षक है, जिसे बोइंग ने हाल ही में मॉडिफाई किया है. इसके अलावा अन्य कस्टमाइजेशन भी किए गए हैं.
सूत्रों का कहना है कि वीवीआईपी एयरक्राफ्ट B-777 में एक बड़ा केबिन, मिनी मेडिकल सेटअप है. प्रेस के लिए भी जगह है. रियर सीट्स इकोनॉमी क्लास कैटेगरी की हैं, जबकि बाकी सभी बिजनेस क्लास सीट हैं. B-777 एयरक्राफ्ट लगातार 17 घंटों से भी अधिक वक्त तक उड़ सकता है. B-777 में एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम भी हैं.
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#WATCH: VVIP aircraft Air India One that will be used for President, Vice President & PM arrives at Delhi International Airport from US.
— ANI (@ANI) October 1, 2020
It is equipped with advance communication system which allows availing audio & video communication function at mid-air without being hacked. pic.twitter.com/4MtXHi8F9O
पहले एयर इंडिया करेगी रिसीव, बाद में सौंपा जाएगा IAF को
वीवीआईपी एयरक्राफ्ट B-777 को एयर इंडिया रिसीव करेगी, बाद में इसे भारतीय वायुसेना (IAF) को सौंप दिया जाएगा. उसके बाद नया एयरक्राफ्ट डिरजिस्टर किया जाएगा और ताजा रजिस्ट्रेशन स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स लाए जाएंगे क्योंकि वीवीआईपी एयरक्राफ्ट को भारतीय वायुसेना के अंडर में ऑपरेट किया जाएगा. एयर इंडिया पायलट तब तक एयरक्राफ्ट ऑपरेटिंग टीम का हिस्सा होंगे, जब तक भारतीय वायुसेना के पायलट इसे हैंडल करने में एक्सपर्ट न हो जाएं. एयरक्राफ्ट के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड की होगी.