/financial-express-hindi/media/post_banners/VzrEYN3vQJxp9vE0rCG0.jpg)
/financial-express-hindi/media/post_attachments/fCoC75b6Tz2C5SUgx3xp.jpg)
देश का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) जनवरी अंत में पूरे साल के लिये तय अनुमान के 128.5 फीसदी तक पहुंच गया. लेखा महानियंत्रक (CGA) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में घाटा संशोधित बजटीय अनुमान का 121.5 फीसदी रहा था. राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और प्राप्ति के बीच अंतर को दर्शाता है. वास्तविक रूप से यह घाटा 9,85,472 करोड़ रुपये रहा.
बजट में राजकोषीय घाटे का अनुमान 3.8 फीसदी किया गया था
सरकार ने 31 मार्च 2020 को खत्म वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा 7,66,846 करोड़ रुपये रहने का बजट अनुमान रखा है. इस महीने संसद में पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के अनुमान को 3.3 फीसदी से बढ़ाकर 3.8 फीसदी कर दिया. इसका कारण राजस्व संग्रह में कमी बताया गया है.
Q3 GDP: दिसंबर तिमाही में ग्रोथ रेट 4.7% रही, 6 तिमाही के बाद रूकी गिरावट
लेखा महानियंत्रक (CGA) के मासिक लेखा आंकड़े के मुताबिक राजस्व प्राप्ति अप्रैल-जनवरी में 12.5 लाख करोड़ रुपये रही. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 67.6 फीसदी है. एक साल पहले इसी अवधि में यह संशोधित अनुमान का 68.3 फीसदी रहा था. इसी अवधि में कुल प्राप्ति संशोधित अनुमान का 66.4 फीसदी रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 67.5 फीसदी थी.
CGA के मुताबिक वहीं जनवरी अंत तक कुल व्यय 22.68 लाख करोड़ रुपये रहा जो संशोधित अनुमान का 84.1 फीसदी है. एक साल पहले इसी अवधि में यह 81.5 फीसदी था.