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Fitch Ratings: फिच ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को स्टेबल आउटलुक के साथ 'BBB' बनाए रखा है.
Fitch Ratings on India: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को स्टेबल आउटलुक के साथ 'BBB' बनाए रखा है. रेटिंग एजेंसी ने इसके पीछे भारत की विकास दर के मजबूत रहने और इसके बाहरी वित्तीय लचीलेपन की ताकत को कारण बताया है. फिच रेटिंग्स ने कहा कि सॉवरेन रेटिंग के लिए मजबूत ग्रोथ क्षमता एक महत्वपूर्ण कारक है. भारत की रेटिंग अन्य समकक्षों की तुलना में मजबूत ग्रोथ आउटलुक और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शाती है, जिसने भारत को पिछले साल बड़े बाहरी झटकों से निपटने में मदद की है. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि भारत की लॉन्ग टर्म फॉरेन करेंसी जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को स्टेबल आउटलुक के साथ 'BBB-' पर रखा है.
2006 से भारत की रेटिंग ‘‘बीबीबी-’’
फिच रेटिंग ने अगस्त 2006 से भारत की रेटिंग को ‘‘बीबीबी-’’ पर रखा है जो सबसे कम निवेश ग्रेड रेटिंग है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां विभिन्न देशों की सरकारों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर ‘सॉवरेन रेटिंग’ तय करती हैं. इसके लिए वह अर्थव्यवस्था, बाजार और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं. रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं. आमतौर पर पूरी दुनिया में स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी), फिच और मूडीज इन्वेस्टर्स ही सॉवरेन रेटिंग तय करती हैं.
फिच ने भारत का आउटलुक बताया मजबूत
फिच ने कहा है कि भारत अपने मजबूत ग्रोथ आउटलुक के जरिए विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और इसके मार्च 2024 की खत्म होने वाले वित्त वर्ष में 6 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. इसके पीछे भारत में लगातार बढ़ता निवेश परिदृश्य महत्वपूर्ण फैक्टर है. फिच ने इस बात पर भी जोर दिया है कि ये भारत के कमजोर पब्लिक फाइनेंसिंग के ऑफसैट को दिखाता है. ये देश के ऊंचे वित्तीय घाटे और इसके समकक्ष देशों की तुलना में ज्यादा कर्ज को दिखाता है और ये इस बात का भी संकेत है कि ये विश्व बैंक के गवर्नेंस के मानकों पर इसको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं भारत की प्रति कैपिटा जीडीपी को भी ध्यान में रखना होगा.
महंगाई और ऊंची ब्याज दरें हैं चुनौतियां
रेटिंग एजेंसी ने कहा, महंगाई और ऊंची ब्याज दरें चुनौतियां बनी हुई है. साथ ही महामारी के चलते डिमांड में आई गिरावट और ग्लोबल डिमांड में सुस्ती का भी असर बना हुआ है. FY23 में 7 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है. FY25 तक ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी तक जा सकती है. बता दें कि रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारत की रेटिंग को सबसे निचले इंवेस्टमेंट ग्रेड में रखते हुए इसे Baa3 पर रखा था और इसके लिए स्टेबल आउटलुक दिया था. एसएंडपी ने भी इसी तरह की रेटिंग भारत के लिए दी है और देश के लिए कुछ चिंताओं का हवाला दिया था.