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Fitch Forecast : फिच रेटिंग्स ने भारत के विकास दर अनुमान को अब बढ़ाकर 6.3% कर दिया है, जबकि मार्च में इसे 6.2% से घटाकर 6% कर दिया था. (File Photo)
Fitch Ratings raises India's GDP forecast for current fiscal: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है. फिच रेटिंग्स ने मौजूदा वित्त वर्ष (2023-24) के लिए भारत के विकास दर अनुमान में बढ़ोतरी कर दी है. अंतराष्ट्रीय एजेंसी ने गुरुवार को जारी अपने ताजा अनुमानों में कहा है कि 2023-24 के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.3 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. इससे पहले फिच ने भारत की जीडीपी विकास दर 6 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था.
विकास दर अनुमान में क्यों आया सुधार
फिच का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2023 के दौरान अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन भारत के विकास दर अनुमानों में सुधार की मुख्य वजह है. इसके अलावा शॉर्ट टर्म में इकॉनमी का मोमेंटम भी काफी मजबूत दिखाई दे रहा है. फिच ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी-मार्च 2023 के दौरान भी भारत की जीडीपी ग्रोथ उम्मीद से बेहतर रही है और दो तिमाही तक लगातार गिरावट के बाद मैन्युफैक्चरिंग में भी रिकवरी देखने को मिल रही है. एजेंसी के मुताबिक कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री और कृषि उत्पादन में सुधार से इकॉनमी को बूस्ट मिला है. फिच के मुताबिक डोमेस्टिक डिमांड और नेट ट्रेड का पहले से बेहतर होना भी जीडीपी ग्रोथ में इस सुधार की बड़ी वजह है.
अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर मजबूती : फिच
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की इकॉनमी में बड़े पैमाने पर मजबूती (broad-based strength) दिखाई दे रही है. जनवरी-मार्च 2023 (1Q23) के दौरान देश की जीडीपी में 6.1 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली. इसके अलावा हाल के महीनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री, PMI सर्वे और क्रेडिट ग्रोथ जैसे आंकड़े भी काफी अच्छे रहे हैं. इन तमाम कारणों के चलते मार्च 2024 में खत्म होने वाले कारोबारी साल (FY23-24) के लिए जीडीपी विकास दर के अनुमानों में 0.3 फीसदी का इजाफा करके इसे 6.3 फीसदी किया जा रहा है. फिच ने वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान भारत की डीजीपी विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान भी जाहिर किया है.
फिच ने मार्च 2023 में घटाए थे अनुमान
इससे पहले फिच ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने विकास दर अनुमान में कटौती कर दी थी. मार्च 2023 में घोषित इन अनुमानों में एजेंसी ने भारत की जीडीपी में 6.2 फीसदी की बजाय 6 फीसदी की ग्रोथ की भविष्यवाणी की थी. उस वक्त एजेंसी ने इसके लिए ऊंची महंगाई दर, बढ़ती ब्याज दरों और ग्लोबल डिमांड में आ रही सुस्ती को जिम्मेदार बताया था. लेकिन उसके बाद से महंगाई दर में कमी आई है और घरेलू अर्थव्यवस्था में रिकवरी नजर आ रही है. अनुमानों में सुधार के बावजूद भारत की संभावित जीडीपी विकास दर अब भी पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले करीब एक फीसदी कम है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 7.2 फीसदी रही थी. उसके भी पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था लो बेस इफेक्ट की वजह से 9.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी.