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Five years of Demonetisation: प्रियंका गांधी ने नोटबंदी को लेकर साधा मोदी सरकार पर निशाना, शशि थरूर ने बताया तुगलक के बाद का सबसे बुरा फैसला

Five years of Demonetisation: डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन के बावजूद देश करेंसी नोट का सर्कुलेशन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. नोटबंदी का एक अहम उद्देश्य लेस कैश सिस्टम बनाना भी था.

Five years of Demonetisation: डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन के बावजूद देश करेंसी नोट का सर्कुलेशन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. नोटबंदी का एक अहम उद्देश्य लेस कैश सिस्टम बनाना भी था.

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Five years of demonetisation Opposition slams Modi government Priyanka Gandhi to Shashi Tharoor

Five years of Demonetisation: करीब पांच साल पहले आज ही के दिन प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने चलन के 500 और एक हजार रुपये मूल्य के नोट को आधी रात से बंद करने का ऐलान किया था. इस फैसले के पांच साल पूरे होने पर आज विपक्षी पार्टियों ने कड़े सवाल उठाए हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने कहा है कि अगर नोटबंदी सफल थी तो इकोनॉमी कैशलेस क्यों नहीं हुई, भ्रष्टाचार क्यों जारी है और कालाध धन वापस क्यों नहीं आया?

वहीं दिग्गज कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम (केरल) से सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने एक वीडियो ट्वीट साझा करते हुए हुए नोटबंदी को बुरे तरीके से लागू किया हुआ ऐसा निर्णय बताया जिसने अर्थव्यवस्था की नींव को हिला दिया. उन्होंने कहा कि मोहम्मद बिन तुगलक के बाद से पहली बार भारत सरकार इतना बुरा फैसला किया. विपक्षी पार्टियों ने अर्थव्यवस्था की कमजोर सेहत के लिए नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया है. मोदी सरकार ने नोटबंदी का उद्देश्य काले धन पर चोट के साथ-साथ नगदी कम करना बताया था लेकिन आज सिस्टम में रिकॉर्ड कैश उपलब्ध है.

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विपक्ष ने नोटबंदी के पांच साल पूरे होने पर ऐसे साधा निशाना

प्रियंका गांधी ने नोटबंदी को डिजास्टर के हैशटैग के साथ कहा कि अगर अगर नोटबंदी सफल थी तो भ्रष्टाचार खत्म क्यों नहीं हुआ? कालाधन वापस क्यों नहीं आया? अर्थव्यवस्था कैशलेस क्यों नहीं हुई? आतंकवाद पर चोट क्यों नहीं हुई? महंगाई पर अंकुश क्यों नहीं लगा?

शशि थरूर ने वीडियो ट्वीट साझा किया है जिसमें इसे बिना सोचे-विचारे और बुरी तरह से लागू किया हुआ फैसला बताया जिसने अर्थव्यवस्था की नींव को हिला दिया.

थरूर ने नोटबंदी के फैसले को मोहम्मद बिन तुगलक के बाद देश में लागू होने वाला सबसे बुरा फैसला बताया. थरूर ने करीब एक साल पुराने ट्वीट को फिर से आगे आज बढ़ाया है. 22 जुलाई 2020 को किए गए ट्वीट में थरूर ने कहा था कि नोटबंदी दुनिया भर की इकोनॉमी के लिए केस स्टडी बन चुकी है जो अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रही और इसने अर्थव्यवस्था और लाखों-करोड़ों लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया.

तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रॉयन ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के 8 नवंबर 2016 के ट्वीट को कोट करते हुए कहा कि सिर्फ ममता बनर्जी ने ही उस समय इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे वापस लेने को कहा था. ममता बनर्जी ने 2016 में नोटबंदी के ऐलान के बाद पांच ट्वीट किए थे जिसमें इसे ड्रैकोनियन फैसला बताते हुए इसे वापस लेने को कहा था. ममता बनर्जी ने इसे आम लोगों के खिलाफ फैसला कहा था.

वहीं शिवसेना पार्टी से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे आर्थिकमंदी की छठवीं सालगिरह कहते हुए देशवासियों को खेद भरी संवेदनाएं और भाजपा को जश्न-ए-बहारा दिवस की बधाई दी है. उन्होंने नोटबंदी के चलते रोते हुए एक बुजुर्ग की तस्वीर को साझा करते हुए इसे वैधानिक तरीके से संगठित लूट कहा.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स) नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि नोटबंदी के चलते इनफॉर्मल सेक्टर को गहरी चोट पहुंची जबकि काला धन नहीं हासिल हुआ, धनी और धनी होते गए. नगदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है. येचुरी ने कहा कि सिर्फ एक शख्स की सनक के लिए देश को गर्त में धकेलने के लिए सरकार को जिम्मेदारी हर हाल में लेनी चाहिए.

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पांच साल बाद सिस्टम में रिकॉर्ड नगदी

डिजिटल पेमेंट के बढ़ते चलन के बावजूद देश करेंसी नोट का सर्कुलेशन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 4 नवंबर 2016 को 17.74 लाख करोड़ रुपये की करेंसीज सर्कुलेशन में थी जो 29 अक्टूबर 2021 को बढ़कर 29.017 लाख करोड़ रुपये हो गई. एक साल पहले 30 अक्टूबर 2020 को 26.88 लाख करोड़ रुपये की करेंसीज चलन में थी. कोरोना के चलते पिछले वित्त वर्ष में करेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा. वित्त वर्ष 2020-21 में करेंसीज की संख्या सालाना आधार पर 7.2 फीसदी बढ़ी और वैल्यू 16.8 फीसदी बढ़ी जबकि एक साल पहले वित्त वर्ष 2019-20 में करेंसीज की संख्या 6.6 फीसदी और वैल्यू 14.7 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

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