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जिस मामले में आज लालू यादव को दोषी करार दिया गया है, उसमें सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव समेत 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की. (File Photo- PTI)
Fodder Scam: सीबीआई की विशेष अदालत ने आज (15 फरवरी) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को चारा घोटाले के एक मामले में दोषी करार दिया है. यह मामला डोरांडा कोषागार से 139.5 करोड़ रुपये की निकासी से जुड़ा हुआ है. इस मामले में लालू यादव को क्या सजा होगी, इसका फैसला 18 फरवरी को सुनाया जाएगा. इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने 29 जनवरी की इस मामले की सुनवाई पूरी की थी और फैसला सुरक्षित कर लिया था. लालू प्रसाद को चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में पहले ही 14 साल की सजा हो चुकी है और उन पर 60 लाख का जुर्माना लगा है. इसके अलावा दुमका, देवघर व चायबासा ट्रेजरी मामले में जमानत मिली हुई है.
लालू समेत 99 आरोपियों पर चल रहा केस
जिस मामले में आज लालू यादव को दोषी करार दिया है, उसमें सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव समेत 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई की. यह सुनवाई पिछले साल फरवरी 2021 से चल रही थी और अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की पेशी के बाद 29 जनवरी 2022 को मामले की सुनवाई पूरी हो गई जिस पर फैसला आज आया. सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को फैसला सुनाने के दिन यानी कि आज शारीरिक रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था. सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने के लिए लालू यादव रविवार को ही रांची पहुंच गए थे.
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इस मामले में पहले 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें 55 की मौत हो चुकी है और सात लोग सरकारी गवाह बन चुके हैं. इसके अलावा दो लोगों ने कोर्ट के फैसले से खुद को दोषी स्वीकार कर लिया जबकि छह फरार हैं. इस मामले में लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) प्रमुख ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जुलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद को दोषी पाया गया.
1996 में सामने आया था मामला
अविभाजित बिहार (बिहार और झारखण्ड मिलाकर) के कई जिलों में सरकारी खजाने से 950 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकाले गए. चारा घोटाले का यह मामला जनवरी 1996 में उस समय सामने आया, जब पशुपालन विभाग पर रेड पड़ी. सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव को जून 1997 में आरोपी बनाया और प्रसाद व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के ऊपर चार्ज लगाए. सितंबर 2013 में ट्रायल कोर्ट ने प्रसाद, मिश्र और 45 अन्य लोगों को चारा घोटाले के एक मामले में दोषी माना और लालू प्रसाद को रांची की जेल में भेजा गया. दिसंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को जमानत दी लेकिन दिसंबर 2017 में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें व 15 लोगों को दोषी करार देते हुए बिरसा मुंडा जेल भेज दिया. इसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने प्रसाद के पिछले साल अप्रैल 2021 में जमानत दी.
(इनपुट: पीटीआई)