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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ताजा इंटरव्यू में मोदी सरकार की चीन नीति पर विपक्ष के आरोपों का खुलकर जवाब दिया है. (File Photo)
EAM Dr S Jaishankar rejects Congress allegation that neither PM nor EAM mentions the word China : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि चीन के मुकाबले भारत छोटी इकॉनमी है. ऐसे में बड़ी इकॉनमी के साथ आगे बढ़कर लड़ाई करने में कोई समझदारी नहीं है. उन्होंने चीन के खिलाफ हमेशा देर से कार्रवाई करने के विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यहां मसला बाद में कदम उठाने का नहीं, बल्कि कॉमनसेंस के इस्तेमाल का है. विदेश मंत्री ने चीन के साथ सीमा विवाद में भारत की मौजूदा स्थिति के लिए 1958 और 1962 की घटनाओं को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि चीन ने उस समय जिन इलाकों पर कब्जा किया, उसके लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
विदेश मंत्री ने चीन पर दिलाई कॉमनसेंस की याद
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए ताजा इंटरव्यू में मोदी सरकार की चीन से जुड़ी नीति पर बात करते हुए विपक्ष के आरोपों का खुलकर जवाब दिया. इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार ने जब उनसे कहा कि विपक्ष आरोप लगाता है कि भारत सरकार चीन के मामले में डिफेंसिव रहती है और चीन के कुछ कर लेने के बाद ही कदम उठाती है, तो विदेश मंत्री ने कहा, "नहीं….ऐसा बिलकुल नहीं है.. देखिए, वे हमसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. मेरा मतलब है…हमें ऐसे में क्या करना चाहिए? एक छोटी इकॉनमी के तौर पर..क्या हम आगे बढ़कर अपने से बड़ी इकॉनमी से लड़ाई कर लें? यहां सवाल रिएक्टिव होने यानी बाद में कदम उठाने का नहीं है..यह सवाल कॉमनसेंस के इस्तेमाल का है."
#WATCH | "They must have some problem understanding words beginning with a ‘C’. It’s not true. I think they are deliberately misrepresenting the situation…," EAM Dr S Jaishankar on Congress saying neither PM nor EAM mentions the word China pic.twitter.com/jBvJVVixI7
— ANI (@ANI) February 21, 2023
LAC पर सेना पीएम मोदी ने भेजी, राहुल गांधी ने नहीं : विदेश मंत्री
चीन के मामले में भारत सरकार के डिफेंसिव रुख अपनाने के आरोपों को गलत बताते हुए जयशंकर ने कहा, "एलएसी (LAC) पर भारतीय सेना को किसने भेजा? नरेंद्र मोदी ने भेजा, राहुल गांधी ने नहीं." चीन के साथ मौजूदा सीमा विवाद के लिए कांग्रेस की 60-62 साल पुरानी सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "मैं निजी तौर पर पुरानी बातों को उठाना पसंद नहीं करता, लेकिन जब दूसरे लोग इतिहास की गलतियों के लिए मौजूदा सरकार को कसूरवार बताने लगते हैं, तो हमें पुरानी बातें बतानी पड़ती हैं."
इंदिरा गांधी ने मेरे पिता को सेक्रेटरी पद से हटाया था : जयशंकर
विदेश मंत्री बनने से पहले विदेश सचिव रह चुके एस जयशंकर ने अपने परिवार की चर्चा करते हुए कहा, "मेरे पिता भी एक ब्यूरोक्रेट थे, जो केंद्र सरकार में सेक्रेटरी भी बने थे, लेकिन उन्हें इस पद से हटा दिया गया था. 1980 में जब इंदिरा गांधी चुनाव जीतकर फिर से देश की प्रधानमंत्री बनीं, तो उन्होंने सबसे पहले मेरे पिता को सेक्रेटरी के ओहदे से हटाया था. इसके बाद ब्यूरोक्रेसी में उनका करियर रुक गया. राजीव गांधी के कार्यकाल में भी उनकी वरिष्ठता की अनदेखी की गई."
My father was a bureaucrat who had become a secretary but he was removed from his secretaryship. In 1980, when Indira Gandhi was re-elected he was the first secretary she removed...He saw his career in bureaucracy stalled.He was superseded in Rajiv Gandhi period:EAM Dr Jaishankar pic.twitter.com/VwUFQY6lJ5
— ANI (@ANI) February 21, 2023
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खाड़ी देश भी पीएम मोदी को ज्यादा पसंद करते हैं : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की अंतरराष्ट्रीय हैसियत तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि "खाड़ी देश भी 10 साल पहले के मुकाबले आज भारत पर ज्यादा भरोसा करते हैं. आप खाड़ी देशों के लोगों से पूछ कर देखिए कि वे पीएम मोदी और उनसे पहले भारत के प्रधानमंत्री रह चुके नेताओं में से किन्हें ज्यादा पसंद करते हैं. मैं शर्त लगा सकता हूं कि खाड़ी देशों का हरेक व्यक्ति यही कहेगा कि उन्हें पीएम मोदी ज्यादा पसंद हैं."