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टीचर्स भर्ती घोटाले में दस साल की सजा काट रहे ओमप्रकाश चौटाला रिहा, हरियाणा की जाट राजनीति में फिर तेज होगी हलचल

टीचर्स भर्ती घोटाले का यह मामला 2000 में सामने आया था. उस दौरान 3,206 जूनियर बेसिक टीचरों की भर्ती में चौटाला पर घोटाले का आरोप लगा था.

टीचर्स भर्ती घोटाले का यह मामला 2000 में सामने आया था. उस दौरान 3,206 जूनियर बेसिक टीचरों की भर्ती में चौटाला पर घोटाले का आरोप लगा था.

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टीचर्स भर्ती घोटाले में दस साल की सजा काट रहे ओमप्रकाश चौटाला रिहा, हरियाणा की जाट राजनीति में फिर तेज होगी हलचल

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ( Om Prakash Chautala) को आज तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया. टीचर रिक्रूटमेंट घोटाले के दोषी चौटाला पिछले दस साल से जेल की सजा काट रहे थे. पैरोल पर चल रहे चौटाला शुक्रवार को तिहाड़ जेल पहुंचे और बाद में कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. चौटाला दस साल की अपनी सजा में से नौ साल नौ महीने की सजा काट चुके थे. चौटाला को दिल्ली सरकार की विशेष छूट के आदेश के तहत रिहा किया गया है.

3200 से अधिक जूनियर बेसिक टीचर भर्ती में हुआ था घोटाला

टीचर्स भर्ती घोटाले का यह मामला 2000 में सामने आया था. उस दौरान 3,206 जूनियर बेसिक टीचरों की भर्ती में चौटाला पर घोटाले का आरोप लगा था. 86 साल के चौटाला 2013 से जेल में थे लेकिन कोविड की वजह से 26 मार्च 2020 से इमरजेंसी पैरोल पर थे. फरवरी में उनका पैरोल बढ़ा दिय गया था. चौटाला के साथ उनके बेटे अजय चौटाला और आईएएस अफसर संजीव कुमार भी इस मामले में दोषी करार दिए गए थे.

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हरियाणा की जाट राजनीति में हलचल फिर होगी तेज

चौटाला की रिहाई हरियाणा की जाट राजनीति पर नए सिरे से असर डाल सकती है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओमप्रकाश चौटाला के सक्रिय होने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है क्योंकि उसके नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाटों को चुनौती मिल सकती है. हालांकि बीजेपी का मानना है कि इससे इससे जाट राजनीति दो हिस्सों में बंट सकती है. उसे इसका लाभ मिल सकता है. ओम प्रकाश चौटाला के पोते और जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला पहले से ही बीजेपी के साथ हैं. मनोहर लाल खट्टर की सरकार इनके समर्थन पर टिकी हुई है. किसान आंदोलन के चलते बीजेपी और जेजेपी के बीच तनाव बढ़ा था.

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