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मस्जिद कांप्लेक्स के ब्लूप्रिंट में एक मल्टी-स्पेशियलटी हॉस्पिटल, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय भी है. (File Photo)
Ayodhya Maszid: बाबरी मस्जिद के स्थान पर बन रहे मस्जिद का ब्लूप्रिंट इस शनिवार को दिखाया जाएगा. इसके अलावा इस नए मस्जिद की नींव अगले साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन रखी जाएगी. नींव एलॉट किए गए 5 एकड़ जमीन पर रखी जाएगी. यह जानकारी इस मस्जिद के निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट के सदस्यों ने न्यूज एजेंसी को दी. इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के सचिव अथर हुसैन के मुताबिक ट्रस्ट ने अयोध्या मस्जिद के लिए फाउंडेशन स्टोन रखने के लिए 26 जनवरी 2021 का दिन चुना है क्योंकि करीब 70 साल पहले इसी दिन संविधान लागू हुआ था. इस मस्जिद में अस्पताल, किचन और लाइब्रेरी की भी सुविधाएं होंगी.
ब्लूप्रिंट में हॉस्पिटल और लाइब्रेरी भी
मस्जिद कांप्लेक्स के ब्लूप्रिंट में एक मल्टी-स्पेशियलटी हॉस्पिटल, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय भी है. इस ब्लूप्रिंट का अनावरण आईआईसीएफ 19 दिसंबबर को करेगी. इस प्रोजेक्ट प्लान को अंतिम रूप चीफ ऑर्किटेक्ट एसएम अख्तर ने दिया है. अख्तर के मुताबिक इस मस्जिद में एक बार में 2 हजार नमाजी आ सकेंगे.
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300 बिस्तरों का होगा अस्पताल
अख्तर के मुताबिक नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी लेकिन वह दिखने में उसकी तरह नहीं होगी. हॉस्पिटल कांप्लेक्स के मध्य में रहेगा जो कि सच्चे अर्थों में इस्लाम की भावना के मुताबिक मानवता की सेवा करेगा. अख्तर के मुताबिक प्रोफेट ने 1400 साल पहले अपने अंतिम सीख में मानवता की सेवा के लिए कहा था. हॉस्पिटल के ऑर्टिक्चर के बारे में अख्तर ने कहा कि अस्पताल की संरचना मस्जिद की तरह होगी और उसमें इस्लामिक प्रतीक और कैलीग्राफी (लेख) भी दर्शाए जाएंगे. यह 300 बिस्तरों का अस्पताल होगा जिसमें डॉक्टर्स मरीजों को मुफ्त में सेवाएं उपलब्ध कराएंगे. यह मस्जिद ऊर्जा के लिए आत्मनिर्भर होगा क्योंकि इसे सोलर एनर्जी के आधार पर डिजाइन किया गया है और इसमें नेचुरल टेम्परेचर मेंटेनेंस सिस्टम होगा.
सामुदायिक किचन के बारे में उन्होंने बताया कि यहां गुड क्वालिटी के खाने दिन में दो बार मिलेंगे और इसके जरिए आसपास के गरीब लोगों की पोषण की जरूरतों को पूरा किया जाएगा.
कॉलेज भी खोलने की योजना
अख्तर ने कहा कि वे एक नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना कर सकते हैं ताकि हॉस्पिटल के लिए नर्स और अन्य स्टॉफ की कमी न हो सके. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स की व्यवस्था फैजाबाद से हो जाएगी और क्रिटिकल सर्जरी जैसी विशेष परिस्थितियों के लिए कई सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर उनके संपर्क में हैं जो अपनी सेवाएं देना चाहते हैं.
फंडिंग को लेकर आईआईसीएफ के सचिव ने बताया कि कई डोनर्स दान देना चाहते हैं हालांकि अभी उन्हें 80जी अप्रूवल लेना है. इसके बाद एफसीआरए और भारतीय मूल के मुस्लिमों से विदेशी फंड के रूप में दान लिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली मस्जिद की जमीन
पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में स्थित विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का निपटाटा कर वहां राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुनाया था. इसके अलावा कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्दश दिया था कि अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराए ताकि वहां नए मस्जिद का निर्माण हो सके. इस फैसले पर अमल करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के सोहवाल तहसील के धन्नीपुर गांव में वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन एलॉट किया था.