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PMGKAY : दिसंबर से आगे नहीं बढ़ेगी पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, लेकिन फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत मिलेगा मुफ्त अनाज

मोदी सरकार ने PMGKAY को दिसंबर 2022 से आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन इस योजना के तहत जिन गरीबों को मुफ्त अनाज मिल रहा था, उन्हें अब यही फायदा नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत मिलेगा.

मोदी सरकार ने PMGKAY को दिसंबर 2022 से आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है, लेकिन इस योजना के तहत जिन गरीबों को मुफ्त अनाज मिल रहा था, उन्हें अब यही फायदा नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत मिलेगा.

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FE Hindi Desk
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PMGKAY beyond this December not extended

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) यानी फ्री राशन स्कीम दिसंबर 2022 से आगे नहीं बढ़ेगी.

PMGKAY to Stop after December 2022, Free Ration to Poor Will be Given Under NFSA: मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को दिसंबर 2022 से और आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. लेकिन जिन 80 करोड़ से ज्यादा गरीबों को इस योजना के तहत मुफ्त अनाज मिलता रहा है, उन्हें अगले एक साल यानी दिसंबर 2023 तक नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के तहत यही मदद मिलती रहेगी. ये फैसला शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की अहम बैठक में किया गया. जनवरी से दिसंबर 2023 तक फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज देने के इस फैसले पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है, जिसे पूरी तरह केंद्र सरकार उठाएगी.

81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त अनाज उपलब्ध कराएगी मोदी सरकार

शुक्रवार को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त अनाज वितरित करने का फैसला किया. इस पर करीब दो लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया गया. इसमें यह तय किया गया कि 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर पड़ने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के आर्थिक बोझ को केंद्र सरकार खुद उठाएगी. खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी.

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NFSA के लाभार्थियों को दिसंबर 2023 तक मिलेगा मुफ्त अनाज

पीयूष गोयल ने कहा कि एनएफएसए के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा. फिलहाल इस कानून के तहत लाभ पाने वाले लोगों को अनाज के लिए एक से तीन रुपये प्रति किलो का भुगतान करना पड़ता है. सरकार का यह फैसला उस समय आया है जब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की अवधि 31 दिसंबर को खत्म होने वाली है. कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने की शुरुआत अप्रैल 2020 में की गई थी.

PMGKAY के तहत 28 महीने तक वितरित किया गया मुफ्त अनाज

पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों को मुफ्त में अनाज देने का ऐतिहासिक फैसला किया है. इस फैसले से कुल 81.35 करोड़ लोग लाभांवित होंगे, पीएमजीकेएवाई को अब खत्म किए जाने के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत 28 महीनों तक मुफ्त अनाज मुहैया कराया है. अब इसे एनएफएसए के साथ ही समाहित कर दिया गया है और अतिरिक्त अनाज देने की जरूरत नहीं रह गई है.

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नए साल में NFSA के लाभार्थियों को अनाज के लिए नहीं देने होंगे रुपये

खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले एनएफएसए कानून के तहत सरकार की तरफ से हरेक पात्र व्यक्ति को हर महीने तीन रुपये प्रति किलो की दर पर चावल और दो रुपये प्रति किलो की दर पर गेहूं मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा एक रुपये प्रति किलो की दर पर मोटा अनाज भी दिया जाता है. एनएफएसए कानून को जुलाई 2013 में लागू किया था जिसमें देश की 67 प्रतिशत आबादी को अत्यधिक सस्ती दर पर खाद्यान्न पाने का कानूनी अधिकार दिया गया था. सरकारी अधिकारियों ने एनएफएसए के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने के इस फैसले को देश के गरीबों के लिए 'नए साल का उपहार' बताते हुए कहा कि लाभार्थियों को अब खाद्यान्न के लिए एक भी रुपया नहीं देना होगा. इस पर आने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के समूचे बोझ को खुद सरकार ही उठाएगी.

Pmgkay Nfsa Narendra Modi