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पहलगाम, सीजफायर, अहमदाबाद विमान हादसे से लेकर बिहार वोटर लिस्ट तक, संसद में सरकार को घेरने को तैयार विपक्षी INDIA ब्लॉक

इन मुद्दों में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप का सीजफायर दावा, विदेश नीति, बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने की मांग शामिल है.

इन मुद्दों में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप का सीजफायर दावा, विदेश नीति, बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने की मांग शामिल है.

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FE Hindi Desk
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Opposition

लोकसभा और राज्यसभा में केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में जुटे INDIA गठबंधन ने शनिवार को एक वर्चुअल बैठक में बड़ी एकजुटता दिखाई. (Image: X/@Jairam_Ramesh)

INDIA bloc Sets Stage to Take on Govt Over Pahalgam, Ceasefire Claims and Bihar Voter List Row: संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले विपक्षी गठबंधन INDIA ने एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें उसके 24 दलों ने भाग लिया. इस बैठक में तय किया गया कि विपक्ष एकजुट होकर आठ बड़े मुद्दों को संसद में उठाएगा, जिनमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड के सीजफायर दावा, भारत की विदेश नीति और बिहार में चल रही चुनाव आयोग की ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) प्रक्रिया शामिल है.

गठबंधन ने कहा कि ये सभी मुद्दे लोकसभा और राज्यसभा में “एकजुट आवाज़” में उठाए जाएंगे, और जब पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और संबंधित विषयों पर चर्चा होगी, तब उम्मीद की जाएगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद संसद में मौजूद होकर इन सवालों का जवाब देंगे. गठबंधन ने यह भी कहा कि जल्द दी विपक्षी गठबंधन INDIA में सहयोगी दलों की एक फिजिकल बैठक भी आयोजित की जाएगी.

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बैठक में कौन-कौन हुए शामिल

इस वर्चुअल बैठक में कांग्रेस से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश शामिल हुए. समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, टीएमसी से अभिषेक बनर्जी, शिवसेना (उद्धव गुट) से उद्धव ठाकरे और संजय राउत, एनसीपी (शरद गुट) से शरद पवार और जयंत पाटिल, नेशनल कॉन्फ्रेंस से उमर अब्दुल्ला, झारखंड से हेमंत सोरेन, राजद से तेजस्वी यादव, डीएमके से तिरुचि एन. शिवा, और वाम दलों से डी. राजा, एम.ए. बेबी और दीपांकर भट्टाचार्य भी शामिल हुए. इसके अलावा केरल कांग्रेस (एम) से जोस के मणि, आरएसपी से एन.के. प्रेमचंद्रन, वीसीके से तिरुमावलवन और आईयूएमएल से के.एम. कादर मोहिद्दीन ने भी भाग लिया

बैठक के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, “बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और इसमें यह तय हुआ कि संसद सत्र के दौरान देशहित से जुड़े आठ बड़े मुद्दों को पूरी ताकत से उठाया जाएगा.” उन्होंने बताया कि इन मुद्दों में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल, ट्रंप के बयान, बिहार में वोटबंदी के आरोप, भारत की विदेश नीति में गिरावट, गाजा में अत्याचार, SC-ST और महिलाओं पर अत्याचार, परिसीमन की प्रक्रिया और अहमदाबाद विमान हादसा शामिल हैं.

तिवारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि संसद सुचारू रूप से चले और सरकार हमारे सवालों का जवाब दे. विपक्ष लोकतांत्रिक तरीके से सरकार से जवाब चाहता है, खासतौर पर उन मसलों पर जिनका सीधा असर देश की सुरक्षा, नागरिक अधिकारों और लोकतंत्र पर पड़ता है.”

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बैठक में TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने खुफिया तंत्र की विफलता पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा, “जब पहलगाम हमला खुफिया नाकामी का नतीजा है, तो आईबी प्रमुख को सेवा विस्तार क्यों दिया गया? क्या मजबूरी थी?” उन्होंने SIR प्रक्रिया को एनआरसी की तैयारी करार दिया और इसे जनसंख्या वर्ग के साथ ‘चुपचाप छेड़छाड़’ की कोशिश बताया.

सूत्रों के अनुसार, बैठक में कांग्रेस नेतृत्व ने यह बात दोहराई कि इन गंभीर मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में आकर जवाब देना चाहिए. वहीं विपक्ष के कई नेताओं ने न्यायपालिका से जुड़े मामलों—जैसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति शेखर यादव से जुड़ी घटनाओं—को भी सत्र में उठाने की मांग की.

गौरतलब है कि यह विपक्षी गठबंधन की संसद के बाहर एक साल बाद पहली औपचारिक बैठक थी. पहले यह बैठक खरगे के आवास पर होनी थी, लेकिन कई वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति के चलते इसे डिजिटल माध्यम से किया गया.

हालांकि, बैठक से एक दिन पहले INDIA गठबंधन को झटका भी लगा, जब आम आदमी पार्टी ने खुद को गठबंधन से अलग कर लिया और कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए. बावजूद इसके, विपक्ष की बैठक ने यह संकेत साफ दे दिया है कि मानसून सत्र के दौरान मोदी सरकार को कई तीखे सवालों और एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ सकता है.

सोमवार से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा संसद सत्र

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा. यह सत्र अप्रैल 22 को हुए पहलगाम हमले के बाद पहली बार हो रहा है, जिसमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय टट्टूवाला मारे गए थे. उसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस पर चर्चा के लिए विपक्ष ने विशेष सत्र की मांग की थी

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