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महिलाओं के इस समूह ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यह पत्र लिखा है.
अमेजन (Amazon) और बिग बाजार (Big Bazaar) की प्रमोटर कंपनी फ्यूचर समूह (Future Group) की कानूनी लड़ाई के बीच बिग बाजार में काम कर रही महिला कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को खत लिखकर अपनी आजीविका बचाने की गुजारिश की है. महिला कर्मचारियों ने पीएम मोदी से अपनी रोजीरोटी बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप की अपील की है.
पीएम मोदी को लिखे खत में बिग बाजार एसओएस समूह की महिला कर्मचारियों ने कहा, ''फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच हुए करार के तहत फ्यूचर रिटेल के स्टोर्स को रिलायंस इंडस्ट्रीज संचालित करेगी. रिलायंस ने इसके साथ ही फ्यूचर रिटेल के सप्लायर्स और वेंडर्स के भी सभी बकाए का भुगतान करने की प्रतिबद्धता जताई है.’’
कर्मचारियों ने लिखा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान जहां हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं इस सौदे से हमें अपनी जीविका आगे भी बेहतर ढंग से जारी रहने की उम्मीद बंधी थी.. लेकिन अमेजन... की तरफ से इस सौदे को रोकने के प्रयास के चलते हमारी और हमारे परिवार की रोजी रोटी के समक्ष खतरा पैदा हो रहा है.’’ महिलाओं के इस समूह ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर यह पत्र लिखा है.
मालूम हो, देश के करीब 6,000 छोटे वेंडर्स एवं सप्लार्स का फ्यूचर समूह पर 6,000 करोड़ रुपये का बकाया है. फ्यूचर समूह और अमेजन इस समय कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं. फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को रिलायंस रिटेल को बेचने का समझौता हुआ है जिसमें अमेजन ने आपत्ति जताई है. दोनों पक्षों ने कई कानूनी मंचों पर यह मामला उठाया है.
2.1 लाख से अधिक महिलाएं
बिग बाजार से जुड़े इस समूह का दावा है कि उसके साथ 2.1 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं. इनमें करीब 10,000 महिलाएं तो सीधे फ्यूचर समूह से जुड़ी हैं, जबकि अन्य दो लाख के करीब महिलाए अप्रत्यक्ष तौर पर अपनी जीविका समूह के जरिए कमाती हैं. ये महिला समूह फ्यूचर समूह के बिग बाजार ब्रांड के लिए उत्पादों की सप्लाई करते हैं. समूह के अन्य ब्रांड जैसे fbb, Central, Brand Factory, Easy Day, Heritage City, WH Smith और 7-Eleven आदि को भी उत्पादों की आपूर्ति की जाती है.
पिछले हफ्ते ट्रेडर्स संस्था आल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन (AICPD) और एनजीओ प्रहार ने अमेजन को खुला खत लिखकर रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप सौदे में बाधा नहीं बनने की अपील की थी. इनका कहना है कि इस सौदे के अटकने से वेंडर्स और सप्लायर्स दोनों बर्बाद हो जांएगे.