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G20 Booklet: सिब्बल ने "भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी" नामक जी20 बुकलेट का हवाला दिया, जिसके 38वें पेज में अकबर के बारे में बताया गया है.
G20 Booklet: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मुगल सम्राट अकबर की प्रशंसा करने वाली जी20 बुकलेट को लेकर बुधवार को सरकार पर कटाक्ष किया. उन्होंने आरोप लगाया कि इसका दुनिया के लिए एक चेहरा है और "इंडिया दैट इज भारत" के लिए दूसरा चेहरा है. सिब्बल ने "भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी" नामक जी20 बुकलेट का हवाला दिया, जिसके 38वें पेज में अकबर के बारे में बताया गया है.
बुकलेट में क्या है?
बुकलेट में कहा गया है, "अच्छे प्रशासन में धर्म की परवाह किए बिना सभी के कल्याण को शामिल किया जाना चाहिए. तीसरे मुगल बादशाह अकबर ने इसी तरह का लोकतंत्र अपनाया था." सरकार पर निशाना साधते हुए सिब्बल ने X पर कहा, "जी20 बुकलेट: सरकार मुगल सम्राट अकबर को शांति और लोकतंत्र का समर्थक बताती है! एक चेहरा दुनिया के लिए दूसरा, भारत के लिए जो भारत है! कृपया हमें असली मन की बात बताएं!" बुकलेट में कहा गया है कि अकबर ने धार्मिक भेदभाव के खिलाफ एक औजार के रूप में "सुलह-ए-कुली यानी सार्वभौमिक शांति" के सिद्धांत को पेश किया.
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अकबर को बताया गया है लोकतांत्रिक
बुकलेट में कहा गया है, "एक सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए, उन्होंने एक नए समकालिक धर्म का प्रचार किया जिसे 'दीन-ए-इलाही' या ईश्वरीय आस्था के नाम से जाना जाता है. उन्होंने 'इबादत खाना (पूजा का घर)' की भी स्थापना की, जहां विभिन्न संप्रदायों के बुद्धिमान लोग मिलते थे और बहस करते थे. नौ बुद्धिमान लोगों के समूह, जिन्हें नवरत्न के नाम से जाना जाता है, ने उनकी जन-समर्थक योजनाओं को लागू करते समय उनके सलाहकार के रूप में कार्य किया." इसमें कहा गया, "अकबर की लोकतांत्रिक सोच असामान्य थी और अपने समय से बहुत आगे थी." पुस्तिका इस बारे में बात करती है कि कैसे भारत में, शासन में लोगों का दृष्टिकोण या इच्छा प्राचीनतम दर्ज इतिहास से ही जीवन का केंद्रीय हिस्सा रही है.