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गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक घटना पर भारत ने चीन को सख्त संदेश दिया है.
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Galwan Valley face-off: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा पर हुई हिंसक घटना पर भारत ने चीन को सख्त संदेश दिया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से दो टूक लहजे में कहा कि गलवान घाटी में हुई अप्रत्याशित घटना का दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर गंभीर असर होगा. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने चीन से सुधारात्मक कदम उठाने के लिए भी कहा है. बता दें, सोमवार रात गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक घटना में एक कर्नल समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर और वांग के बीच टेलिफोन पर हुई बातचीत में 15 जून की घटना को लेकर भारत सरकार ने सख्त लहजे में चीन को अपना विरोध जता दिया है. जयशंकर ने 6 जून को दोनों सेनाओं के लिए मिलिट्री कंमाडर्स की हुई बातचीत का भी हवाला दिया, जिसमें वास्तविक नियंंत्रण रेखा (LAC) पर डी-एस्केलेशन को लेकर सहमति बनी थी.
विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष वांग से कहा कि हालात बेहतर हो रहे थे, इस बीच चीन के सैनिकों ने गलवान घाटी में हमारे हिस्से की LAC पर ढांचा खड़ा करना चाहा, जिसकी वजह से विवाद पैदा हुआ. चीन ने पूरी तरह सोची-समझी और योजना बनाकर कार्रवाई की जिससे हिंसा हुई और सैनिक शहीद हुए. विदेश मंत्री कहा कि इससे जाहिर है कि चीन यथास्थिति में परिवर्तन नहीं करने को लेकर हमारे बीच बनी सभी सहमतियों का उल्लंघन कर जमीनी हकीकत बदलने का इरादा रखता है.
द्विपक्षीय रिश्तों पर होगा गंभीर असर
विदेश मंत्रालय के बयान अनुसार, ''विदेश मंत्री ने चीन के समक्ष यह साफ कर दिया है कि इस अप्रत्याशित घटना का दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर होगा. समय की मांग है कि चीन अपने एक्शन पर दोबारा विचार करे और सुधारात्मक कदम उठाए. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की हुई बातचीत में चीन ने बातचीत के मौजूदा सिस्टम के इस्तेमाल पर जोर दिया और कहा कि मतभेदों को बातचीत के जरिए ही हल करना चाहिए.
भारत मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम: पीएम
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष में शहीद हुए भारतीय जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी. कोरोनावायरस पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन अगर कोई हमें उकसाएगा, तो मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है. जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि हमारे लिए देश की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता है. इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए. लद्दाख विवाद: PM मोदी की दो टूक- बेकार नहीं जाएगी शहादत; कोई भ्रम में न रहे, उकसाने पर मिलेगा करारा जवाब