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Covid-19 वर्किंग ग्रुप की सिफारिश मंजूर, अब 12 से 16 हफ्ते बाद लगेगी कोविशील्ड की दूसरी डोज, कोवैक्सीन के गैप में कोई बदलाव नहीं

सरकार के मुताबिक भारत बायोटेक को अन्य कंपनियों के Covaxin बनाने पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन ऐसी वैक्सीन बनाने की क्षमता सबके पास नहीं है.

सरकार के मुताबिक भारत बायोटेक को अन्य कंपनियों के Covaxin बनाने पर कोई एतराज नहीं है, लेकिन ऐसी वैक्सीन बनाने की क्षमता सबके पास नहीं है.

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FE Online
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In recent weeks, the US has so far supplied seven planeloads of life-saving supplies worth approximately USD 100 million. (Representational image)

Covid-19 Vaccine: केंद्र सरकार ने कोवीशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच गैप को बढ़ाने की कोविड-19 वर्किंग ग्रुप की सिफारिश को मान लिया है. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है. अब Covishield वैक्सीन की दूसरी डोज पहली डोज लगाए जाने के 12-16 हफ्ते के अंतराल पर लगाई जाएगी. इसके पहले दोनों डोज के बीच यह अंतराल 6-8 हफ्ते का था. हालांकि दूसरी वैक्सीन कोवैक्सीन की दोनों डोज के बीच के अंतराल में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ब्रिटेन में उपलब्ध रीयल-लाईफ एविडेंस के आधार पर कोविड-19 वर्किंग ग्रुप ने कोवीशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज के बीच 12-16 हफ्तों का अंतराल रखने की सिफारिश की थी. कोवैक्सीन की डोज में गैप को लेकर कोई सिफारिश नहीं की गई थी.

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INCLEN Trust के निदेशक कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष

मंत्रालय ने जानकारी दी कि कोविड-19 वर्किंग ग्रुप ने की सिफारिश को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (NEGVAC) ने मंजूर किया है. कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष INCLEN Trust के निदेशक डॉ एनके अरोड़ा हैं. इसके सदस्यों में पुडुचेरी स्थित JIPMER के निदेशक व डीन डॉ राकेश अग्रवाल, वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ गगनदीप कांग, वेल्लोर के क्रिश्चिचयन कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ जेपी मुल्लियाल, जेएनयू के इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ग्रुप लीडर डॉ नवीन खन्ना, नई दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी के निदेशक डॉ अमूल्य पांडा और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के डॉ वीजी सोमानी शामिल हैं.

भारत बायोटेक को दूसरी कंपनियों के Covaxin बनाने पर एतराज नहीं

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. पॉल ने कहा कि लोग कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए दूसरी कंपनियों को भी मैन्युफैक्चरिंग की इजाजत देने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक को ऐसा करने में कोई एतराज नहीं है. लेकिन यह वैक्सीन कोरोना के वायरस को निष्क्रिय करके तैयार की जाती है और ऐसा सिर्फ बीएसएल-3 लैब में ही हो सकता है. पॉल के मुताबिक यह सुविधा हर कंपनी के पास नहीं है. डॉ. पॉल ने कहा कि  वे अन्य कंपनियों को कोवैक्सीन बनाने के लिए खुला निमंत्रण देना चाहते हैं. जो भी कंपनियां कोवैक्सीन बनाना चाहती हैं, वे मिलकर ऐसा कर सकती हैं. सरकार उनकी मदद करेगी ताकि वैक्सीन की उत्पादक क्षमता बढ़ाई जा सके.

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