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Gaurikund-Kedarnath Project: अब 28 मिनट में होगा केदारनाथ बाबा का दर्शन, जल्द शुरू होगा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे प्रोजेक्ट

Gaurikund-Kedarnath Ropeway Project: गौरीकुंड-केदारनाथ परियोजना को दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा.

Gaurikund-Kedarnath Ropeway Project: गौरीकुंड-केदारनाथ परियोजना को दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा.

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FE Hindi Desk
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Gaurikund-Kedarnath Ropeway Project: गौरीकुंड-केदारनाथ परियोजना को दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा.

Gaurikund-Kedarnath Ropeway Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश भर में रोपवे परियोजनाओं को विकसित करने के लिए तेजी से काम कर रही है. "पर्वतमाला परियोजना" के तहत मैदानी क्षेत्रों के साथ पहाड़ी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा. इससे कई पहाड़ी राज्यों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार ने इस योजना के तहत पांच वर्षों में 1,200 किलोमीटर से अधिक रोपवे के साथ 250 से अधिक परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बनाई है. इस क्रम में गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच रोपवे परियोजना का भी निर्माण किया जाएगा, जिसपर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि ये अगले दो-तीन सालों के भीतर कंप्लीट हो जाएगा.

6-7 घंटे कम हो जाएगा समय

गौरीकुंड-केदारनाथ परियोजना को दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा. 9.7 किमी लंबी रोपवे परियोजना उत्तराखंड के गौरीकुंड को रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ धाम से जोड़ेगी. इस रोपवे परियोजना के पूरा होने पर दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय घटकर 28 मिनट हो जाएगा. फिलहाल, दोनों स्थानों के बीच की यात्रा को पूरा करने में लगभग 6-7 घंटे लगते हैं. रोपवे समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जाएगा. गौरीकुंड को केदारनाथ धाम से जोड़ने के लिए ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रति घंटे कुल 3,600 यात्री यात्रा कर सकते हैं.

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गौरीकुंड से केदारनाथ रोपवे परियोजनाओं का महत्व

रोपवे परिवहन काफी पर्यावरण फ्रेंडली होता है. इस प्रमुख बुनियादी ढांचे के विकास से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. पहले लोगों को केदारनाथ जाने के लिए 20 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ता था लेकिन जब यह रोपवे बन जाएगा तब किसी भी उम्र के श्रद्धालु केदार दर्शन आसानी से कर सकते हैं. इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी. इस परियोजना से रोजगार के कई अवसर भी सृजित होंगे.

भारत में विकसित होने वाली कुछ अन्य रोपवे परियोजनाएं

वाराणसी कैंट- गोदौलिया चौक के लिए

गोविंद घाट - घांघरिया - हेमकुंड साहिब

रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

फूलबाग चौराहे से ग्वालियर किले तक

नेचर पार्क (मोहाल) से बिजली महादेव मंदिर, कुल्लू

रनसू बस स्टैंड से शिवखोरी गुफा तक

ढोसी हिल, नारनौल

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