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Gautam Adani met Sharad Pawar: इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसकी खबर अभी सामने नहीं आई है. दोनों में से किसी ने इस मुद्दे पर अभी कोई बयान नहीं दिया है.
Gautam Adani met Sharad Pawar: मुंबई से एक बड़ी खबर सामने आ रही है जिसका असर आने वाले समय में भारतीय राजनीति पर पड़ सकता है. भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की. पवार के सिल्वर ओक आवास पर हुई बैठक कथित तौर पर कम से कम दो घंटे तक चली थी. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा सकते हैं. ठीक दो हफ्ते पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी को लेकर एक बायन जारी किया था जिसमें उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कहा था कि अडानी को अज्ञात लोगों (unknown entities)’ द्वारा टारगेट किया जा रहा है. इसके आलावा उन्होंने विपक्षी पार्टी द्वारा अडानी के उपर की जाने वाली जेपीसी जांच की मांग से भी किनारा कर लिया था.
अकेले कमरे में हुई मुलाकात
गौतम अडानी और शरद पवार के बीच करीब दो घंटे तक चली है. हालांकि इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसकी खबर अभी सामने नहीं आई है. दोनों में से किसी ने इस मुद्दे पर अभी कोई बयान नहीं दिया है. विपक्ष भी इस मामले में चुप है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों की मुलाकात अकेले कमरे में हुई और इस दौरान उनके साथ कोई मौजूद नहीं था. इससे पहले शरद पवार ने अडानी-हिंडनबर्ग पर एक बड़ा बयान देकर विपक्षी खेमें में खलबली मचा दी थी. शरद पवार ने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर 'भरोसा' नहीं किया जा सकता है.
अडानी पर शरद पवार का क्या है स्टैंड?
गौतम अडानी मुद्दे पर शरद पवार का रुख अन्य विपक्षी पार्टियों की तुलना में काफी सॉफ्ट नजर आ रहा है. शनिवार को अडानी पर लगे 20000 करोड़ रुपये के वित्तीय हेराफेरी के सवाल पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह तबतक इसपर कुछ नहीं बोलेंगे जब वह सभी चीजों के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएं. जाहिर है राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस अडानी पर काफी हमलावर नजर आ रही है. हालिया बजट सेशन पूरी तरह से अडानी मुद्दे के ही भेंट चढ़ गया. राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया है उनकी संसद सदस्यता इसलिए गई है क्योंकि वह सरकार से लगातार अडानी मुद्दे पर सवाल कर रहे थे. चूंकि एनसीपी साल 1999 से महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी है, इसलिए उसके मुखिया शरद पवार का अलग स्टैंड काफी चौकाने वाला था. राजनितिक पंडित विपक्षी एकता पर सवाल उठाने लगे थे जिसपर पवार ने कहा था कि जहां कई पार्टियां एक साथ होती हैं वहां कुछ मुद्दों पर मतभेद होते रहते हैं.
हिंडनबर्ग ने लगाया था अडानी का उपर यह आरोप
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने अडानी-हिंडनबर्ग मामले को देखने के लिए शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया था. अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के उपर स्टॉक में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था. रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप की शेयरों की कीमत और मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि अब बाजार में कंपनी की स्थिति स्थिर है.