/financial-express-hindi/media/post_banners/TubycX9nebhvkmySs05H.jpg)
फिच ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को 10.3 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है.
GDP Forecast Slashed: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को 10.3 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है. इसका मतलब है कि फिच रेटिंग्स ने अपने पहले के अनुमान में 1.8 प्रतिशत की कमी की है. ग्रोथ रेट अनुमान में इस कटौती के पीछे ऊर्जा की ऊंची कीमतों का हवाला दिया गया है. फिच का कहना है कि यूक्रेन में युद्ध और रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों ने वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल दिया है. इसके चलते उसने साल 2023 के लिए ग्लोबल ग्रोथ के अपने पहले के अनुमान को भी 0.2% घटाकर 2.8% कर दिया है.
मौजूदा वित्त वर्ष के जीडीपी अनुमान में की गई बढ़ोतरी
भले ही फिच ने 2023 के लिए विकास दर के अपने पहले के अनुमान को कम किया है, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष के लिए उसने अपने जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को 8.1% से बढ़ाकर 8.7% कर दिया है.‘फिच’ ने कहा, ‘‘हालांकि, हमने भारत के लिए वित्त वर्ष 2022-2023 में अपने विकास पूर्वानुमान को तेजी से बढ़ती ऊर्जा कीमतों के कारण घटाकर 8.5 फीसदी (-1.8 फीसदी की कमी) कर दिया है.’’
मूडीज ने भी घटाया है ग्रोथ रेट अनुमान
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष 2022 के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को 9.5% से घटाकर 9.1% कर दिया था. इसके अलावा, मूडीज ने अगले वित्त वर्ष यानी साल 2023 के लिए 5.4 फीसदी का ग्रोथ रेट अनुमान जताया है.
तीसरी तिमाही में महंगाई 7% तक बढ़ सकती है: फिच
फिच ने कहा कि इस साल तीसरी तिमाही में देश में महंगाई 7% तक बढ़ सकती है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय 6% के स्तर से काफी ऊपर है. फिच को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति 2021 में 6.1% एनुअल एवरेज और 2022 में 5% पर बनी रहेगी. देश में सीपीआई मुद्रास्फीति पिछले दो रीडिंग से 6% से ऊपर रही है, जो भोजन, ईंधन और अन्य घरेलू सामानों की बढ़ती कीमतों के चलते बढ़ी है. इसके अलावा, तेल की ऊंची कीमतें, जो कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रही है, मुद्रास्फीति को और बढ़ा सकती हैं.
(Article: Aakriti Bhalla)