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Go First Crisis: एयरलाइन के एयर ऑपरेटर्स सर्टिफिकेट (एओसी) को जारी रखने पर भी जल्द निर्णय लिया जाएगा.
DGCA on Go First: एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने कैश क्राइसीस से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) को लेकर एक बड़ा निर्देश दिया है. DGCA ने सोमवार को संकटग्रस्त गो फर्स्ट को अगले आदेश तक सीधे या परोक्ष रूप से टिकटों की बुकिंग और बिक्री तत्काल बंद करने का निर्देश दिया. सूत्र ने कहा कि इसके अलावा, DGCA ने एयरक्राफ्ट रूल 1937 (Aircraft Rule) के तहत गो फर्स्ट को सुरक्षित और विश्वसनीय तरीके से सर्विस ऑपरेट न करने के कारण एक नोटिस भी जारी किया है. नोटिस के जवाब के आधार पर एयरलाइन के लाइसेंस पर निर्णय लिया जाएगा.
DGCA ने क्यों दिया ऐसा निर्देश?
इससे पहले, एयरलाइन गो फर्स्ट ने 15 मई तक टिकटों की बिक्री को निलंबित कर दिया था और 12 मई तक उड़ानें रद्द कर दी थीं. एयरलाइन ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) के सामने इंसोल्वेंसी प्रोसेस के लिए एक याचिका दायर की है. सूत्र ने कहा कि एयरलाइन को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से टिकटों की बुकिंग और बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है. एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा गया है. इसके अलावा, उसके द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर उसके एयर ऑपरेटर्स सर्टिफिकेट (एओसी) को जारी रखने पर निर्णय लिया जाएगा.
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क्या है पूरा मामला?
गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइंस गंभीर कैश के संकट से गुजर रही है. एयरलाइन ने NCLT की दिल्ली पीठ में Insolvency Resolution के लिए भी आवेदन किया है. गो फर्स्ट के प्रमुख कौशिक खोना के अनुसार गो फर्स्ट एयरलाइंस को प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) से इंजन की आपूर्ति नहीं मिलने की वजह से उसके 28 विमानों उड़ान भरने में असफल हैं और इसी कारण से एयरलाइन के समक्ष कैश का संकट पैदा हो गया है. कंपनी ने इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.