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Good Friday 2022: गुड फ्राइडे पर क्यों नहीं करतें हैं किसी को विश, इसके महत्व और इतिहास के बारे में जानें डिटेल्स

Good Friday 2022: गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लिए अहम त्योहार है लेकिन इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई या शुभकामनाएं नहीं देते हैं.

Good Friday 2022: गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लिए अहम त्योहार है लेकिन इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई या शुभकामनाएं नहीं देते हैं.

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good friday 2022 what is significance and why anyone never greet others on this day

इस साल गुड फ्राइडे 15 अप्रैल को है. (Image- Pixabay)

Good Friday 2022: ईसाई समुदाय के लिए अहम त्योहार गुड फ्राइडे इस साल 15 अप्रैल को है. इसे ‘होली फ्राइडे’ या ‘ग्रेट फ्राइडे’ के नाम से भी जाना जाता है. अलग-अलग देशों में इसके अलग-अलग नाम हैं लेकिन इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई या शुभकामनाएं नहीं देते, बल्कि शोक मनाते हैं. इसकी वजह ये है कि इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि जब इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था तो इसे फिर ‘गुड फ्राइडे’ क्यों कहा जाता है. आखिर क्या है इसके पीछे की कहानी और इन दिन का महत्व. इसके बारे में नीचे बताया जा रहा है.

क्यों कहते हैं इसे 'Good Friday'

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यीशू ने समस्य मानव जाति के लिए अपना प्यार दिखाने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया था. यह भी कहा जाता है कि उन्होंने पूरी दुनिया के पापों के लिए अंतिम बलिदान दिया था. ऐसे में मान्यता है कि ईसा मसीह (यीशू) के सूली पर लटकाए जाने के बावजूद इस दिन ने मानव जाति के उद्धार का मार्ग प्रशस्त किया. इसके दो दिन बाद ईसा मसीह फिर जीवित होकर रविवार को वापस लौट आए. इसी वजह से इस दिन को ‘गुड’ कहा गया , जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

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गुड फ्राइडे के 2 दिन बाद ईस्टर संडे

जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था, उसे गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है. सूली पर लटकाए जाने के दो दिन बाद यानी रविवार को वह फिर जीवित हो गए थे. ऐसे में यीशू के वापस लौटने की खुशी में इसे ईस्टर संडे के तौर पर मनाया जाता है. इस साल गुड फ्राइडे 15 अप्रैल को है तो ईस्टर संडे 17 अप्रैल को है.

हर साल बदलती है तारीख

गुड फ्राइडे पर्व की तारीख हर साल बदलती रहती है. गुड फ्राइडे के एक दिन पहले यानी कि गुरुवार को ही इस पर्व की शुरुआत हो जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ईसा मसीह ने अपने 12 शिष्यों के पैर धोए और उनके साथ अंतिम बार भोजन किया था. इसी की याद में चर्च के फादर 12 लोगों के पैर धोते है. वहीं ईसाइयो के धर्म गुरु पोप भी वेटिकन सिटी में 12 लोगो के पैर धोते और चूमते हैं. इस दिन लोग उपवास रहते है और चर्च में प्रार्थना सभा में भाग लेते हैं. इसके अलावा चर्च में झांकी भी सजाई जाती है.