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IMD Updates on Monsoon This Season: IMD के अनुसार अगस्त महीने में इस बार औसत से 24 फीसदी बारिश ज्यादा हुई है.
 IMD Updates on Monsoon This Season: IMD के अनुसार अगस्त महीने में इस बार औसत से 24 फीसदी बारिश ज्यादा हुई है.IMD Updates on Monsoon This Season: इस साल चावल, मक्का और कपास जैसी खरीफ फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद है. असल में खरीफ की फसलों के लिए जरूरी मॉनसूनी बारिश इस सीजन में बेहतर रही है. रॉयटर्स के मुताबिक अगस्त में मॉनसून ने और तेज रफ्तार पकड़ी है. भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार अगस्त महीने में इस बार औसत से 24 फीसदी बारिश ज्यादा हुई है. आगे भी भारी बारिश होमे रहने का अनुमसन है. इसका फायदा खरीफ फसलों को होगा और चावल सहित सीजन की फसलों के बंपर पैदावार की उम्मीद और बढ़ गई है.
भारत मौसम विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय मोहापात्रा का कहना है कि अगस्त में इस साल बारिश औसत से 24 फीसदी ज्यादा रही है. हालांकि अगस्त के पहले जुलाई के अंतिम 2 हफ्तों में मॉनूसन की रफ्तार सुस्त थी और देश के कई इलाकों में बहुत कम बारिश हुई. लेकिन अगस्त में मॉनसून ने फिर से रफ्तार पकड़ लिया है.
डिस्ट्रीब्यूशन भी बेहतर रहा
मृत्युंजय मोहापात्रा का कहना है कि इस सीजन में मॉनसून की खास बात यह रही कि न सिर्फ अच्छी बारिश हुई है, बल्कि देश के अलग अलग इलाकों में इसका डिस्ट्रीब्यूशन भी बेहतर रहा है. यानी ऐसा नहीं है कि किसी एक इलाके में जमकर बारिश हुई तो दूसरे इलाके में सूखा रहा. इसलिए इसबार मॉनूसन अबतक खेती किसानी के लिए बेहतर रहा है, किसानों को इसका फायदा मिलेगा.
36 में से 32 डिविजन में पर्याप्त बारिश
भारत मौसम विभाग के अनुसार इस साल 36 मेटियोरोलॉजिकल सबडिविजंस में से 32 डिविजन ऐसे रहे हैं, जहां या तो औसत बारिया हुई है, या औसत है. यहां आईएमडी के मुताबिक औसत या नॉर्मल बारिश का मतलब 50 साल की औसत बारिश की तुलना में 96 से 104 फीसदी बारिश होने से है. 50 साल के लिए मॉनसून के 4 महीनों में औसत बारिश 88 सेंटीमीटर है. यह बारिश जून से सितंबर के बीच हुई है.
फसलों का रकबा बढ़ा
भारत, जहां देश के लगभग आधे हिस्से में सिंचाई का अभाव है, 1 जून से अबतक औसत बारिश 7 फीसदी से ज्यादा हुई है. किसानों ने अब तक गर्मी की फसलों का 106.3 मिलियन हेक्टेयर बुआई की है. कृषि मंत्रालय के अनुसार भारी बारिश की वजह से इस साल अबतक 8.5 फीसदी बुआई ज्यादा हुई है. पिछले सप्ताह तक, प्रमुख ग्रीष्मकालीन फसल चावल की बुआई 37.8 मिलियन हेक्टेयर में हुई थी, जबकि पिछले साल इसी समय चावल की 33.9 मिलियन हेक्टेयर में बुआई हुई थी.
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