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मूडीज का कहना है कि पाबंदियों में राहत के बाद देश-विदेश की मांग सुधरी है.
आर्थिक मोर्चे पर एक अच्छी खबर है. 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की विकास दर 12 फीसदी रह सकती है. मूडीज एनॉलिटिक्स (Moody's Analytics) ने यह अनुमान जताया है. इससे पहले, साल 2020 अर्थव्यवस्था के लिहाज से एक सबसे बुरा साल रहा. इसकी वजह वैश्विक नोवल कोरोना वायरस महामारी (COVID19 Pandemic) रही. पिछले साल भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. मूडीज का कहना है बीते साल की गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की निकट भविष्य की संभावनाएं अधिक अनुकूल हो गई हैं.
मूडीज एनालिटिक्स ने शुक्रवार को कहा कि दिसंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर उम्मीद से अधिक 0.4 फीसदी रही है. इससे पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी. मूडीज का कहना है कि पाबंदियों में राहत के बाद देश-विदेश की मांग सुधरी है. इसके चलते बीते कुछ महीनों में मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्टशन बढ़ा है.
मूडीज ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि प्राइवेट कंज्म्पशन और नान रेजिडेंशियल इन्वेस्टमेंट में अगली कुछ तिमाहियों में बढ़ोतरी होगी, जिससे 2021 में घरेलू मांग में सुधार होगा.' मूडीज का अनुमान है कि 2021 कैलेंडर साल में जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 12 फीसदी रहेगी. इसकी एक वजह लो बेस ईयर है.
मूडीज का कहना है कि मौद्रिक और राजकोषीय पॉलिसी ग्रोथ को सहारा देंगी. इस साल ब्याज दरों में अतिरिक्त कटौती की उम्मीद नहीं है. रेपो रेट 4 फीसदी के नीचे बरकरार रहेगी. हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट से वार्षिक राजकोषीय घाटा जीडीपी के करीब 7 फीसदी पर पहुंच जाएगा.
दायरे में रहेगी कोर महंगाई दर!
मूडीज का कहना है कि कोर महंगाई दर 2021 में नियंत्रित तरीके से बढ़ेगी. हालांकि, खाद्य वस्तुओं या ईंधन में महंगाई से हाउसहोल्ड खर्च पर असर पड़ेगा. इसके साथ ही मूडीज ने कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर तेज होती है, तो इससे 2021 में सुधार के लिए जोखिम पैदा हो सकता है. हालांकि, कोविड वैक्सीनेशन का घरेलू रिकवरी में अहम रोल होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 19 मार्च सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार देश में 3.39 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है.