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NPPA के मुताबिक जो निर्माता नए आदेश के हिसाब से दाम नहीं घटाएंगे उन पर वसूली गई अधिक कीमत के 100% के बराबर जुर्माना लगेगा.
कोविड-19 महामारी से बेहाल लोगों की जेब काटकर मेडिकल उपकरणों में की जा रही बेहिसाब मुनाफाखोरी रोकने के लिए अब सरकार कदम उठा रही है. सरकार ने इस सिलसिले में कार्रवाई करते हुए पांच जरूरी मेडिकल उपकरणों - पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी मॉनिटर, नेबुलाइजर और डिजिटल थर्मामीटर पर वसूले जाने वाले ट्रेड मार्जिन की हद तय कर दी है. अब इन पांचों उपकरणों पर 70 फीसदी से ज्यादा ट्रेड मार्जिन नहीं वसूला जा सकेगा. फिलहाल इन उपकरणों पर 709 फीसदी तक का भारी भरकम मार्जिन वसूला जा रहा है. मार्जिन की नई लिमिट के आधार पर उपकरणों की नई कीमतें 20 जुलाई से लागू होंगी.
ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के तहत NPPA ने जारी किया आदेश
ट्रेड मार्जिन की सीमा तय करने का यह आदेश नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) 2013 के पैराग्राफ 19 के तहत मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जारी किया है. दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कीमतों की निगरानी करने वाले NPPA ने इस बारे में ट्विटर पर दी गई जानकारी में बताया है कि पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, बीपी मॉनिटर, नेबुलाइजर और डिजिटल थर्मामीटर पर अभी 3 फीससदी से 709 फीसदी तक मार्जिन वसूला जा रहा है. लेकिन अब इन पांचों उपकरणों को ट्रे़ड मार्जिन रैशनलाइजेशन के तहत लाते हुए इन पर वसूले जाने वाले मार्जिन की अधिकतम सीमा 70% तय कर दी गई है.
आदेश नहीं मानने वाले निर्माताओं पर लगेगा 100% जुर्माना
NPPA के मुताबिक इन मेडिकल उपकरणों पर नए मार्जिन लागू होने के बाद घटी हुई कीमतें 20 जुलाई से लागू होंगी. NPPA ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रेड मार्जिन की सीमा तय करने का यह फैसला इसलिए किया गया है, ताकि यह जरूरी मेडिकल उपकरण खरीदना लोगों के लिए कुछ आसान हो सके. NPPA ने कहा है कि नए आदेश के तहत इन पांचों उपकरणों के निर्माताओं को अपने प्रोडक्ट पर दर्ज MRP को नए मार्जिन के हिसाब से रिवाइज़ यानी कम करना होगा. जो निर्माता ऐसा नहीं करेंगे, उन पर वसूली गई अधिक कीमत के 100 फीसदी के बराबर जुर्माना लगेगा. साथ ही उन्हें ओवरचार्ज की गई रकम पर 15 फीसदी ब्याज भी चुकाना होगा.
अथॉरिटी के मुताबिक मैन्युफैक्चरर्स, मार्केटियर्स और इंपोर्टर्स से लिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि फिलहाल इन पांच मेडिकल उपकरणों पर डिस्ट्रीब्यूटर की प्राइस से लेकर अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP)क के बीच 709 फीसदी तक का मार्जिन लिया जा रहा है. इन हालात में भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के पैराग्राफ 19 के तहत मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
जून में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर अधिकतम 70% मार्जिन तय हुआ था
पिछले महीने सरकार ने DPCO के इसी प्रावधान का इस्तेमाल करते हुए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बिक्री पर भी 70 फीसदी का अधिकतम मार्जिन तय किया था. DPCO का पैराग्राफ 19 NPPA को उन दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कीमतों को नियंत्रित करने का अधिकार देता है, जो आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (National List of Essential Medicines) में शामिल नहीं हैं.
(Input: PTI)