scorecardresearch

Covid-19: 'दवाओं' की ब्लैक मार्केटिंग का बढ़ा डर, कीमतों को लेकर अलर्ट मोड में सरकार

चीन में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारत में दवाओं की कीमतों में अचानक तेजी आने का डर बढ़ गया है.

चीन में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारत में दवाओं की कीमतों में अचानक तेजी आने का डर बढ़ गया है.

author-image
Sushil Tripathi
New Update
Covid-19, coronavirus impact on pharma industry, drug prices may surge as covid-19 impact on API import, drug makers import API from china, govt to demand report on API inventories, drug black marketing, NPPA, govt form committee

चीन में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारत में दवाओं की कीमतों में अचानक तेजी आने का डर बढ़ गया है.

Covid-19, coronavirus impact on pharma industry, drug prices may surge as covid-19 impact on API import, drug makers import API from china, govt to demand report on API inventories, drug black marketing, NPPA, govt form committee चीन में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारत में दवाओं की कीमतों में अचानक तेजी आने का डर बढ़ गया है.

चीन में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के चलते भारत में दवाओं की कीमतों में अचानक तेजी आने का डर बढ़ गया है. इसे देखते हुए सरकार अब अलर्ट मोड में आ गई है. सरकार ने सभी दवा निर्माताओं से कहा है कि वे जल्द से जल्द इस बात की जानकारी दें कि मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले जरूरी इनग्रेडिएंट की कितनी इन्वेंट्री बची है. साथ ही ब्लैक मार्केटिंग के डर से इनग्रेडिएंट्स की मौजूदा कीमतों की भी जानकारी मांगी है. इसके लिए सरकार ने एक हाई लेवल कमिटी का गठन भी किया है.

Advertisment

भारत की फार्मा इंडस्ट्री एक्टिव फॉर्मास्युटिकल्स इनग्रेडिएंट्स (API) यानी जरूरी इनग्रेडिएंट्स के लिए चीन पर बहुत हद त​क निर्भर है. लेकिन अभी चीन में कोरोना वायरस के चलते एक्टिव फॉर्मास्युटिकल्स इनग्रेडिएंट्स मैन्युफैक्चरर्स ने अपने प्लांट बंद कर दिए हैं या वहां प्रोडक्शन सुस्त पड़ गया है. प्रोडक्शन बंद होने से चीन से भारत में होने वाला API का इंपोर्ट प्रभावित हो रहा है. ऐसे में दवा कंपनियों के पास इनग्रेडिएंट्स की इन्वेट्री घटने लगी है, जिससे इसके ब्लैक मार्केटिंग का खतरा बढ़ गया है. अगर ब्लैक मार्केटिंग होती है तो दवाओं की जरूरी कीमतों में अचानक से तेजी आ सकती है.

सरकार ने बनाई हाई लेवल कमिटी

ड्रग रेगुलेटर एनपीपीए ने इस बारे में अपनी वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन के जरिए सूचना दी है. एनपीपीए के अनुसार API की उपलब्धता और उनकी ब्लैक मार्केटिंग की निगरानी के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है, जिसमें डिपार्टमेंट आफ फॉर्मास्युटिकल्स और मिनिस्ट्री आफ केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स के मेंबर शामिल हैं. दवा निर्माताओं से जरूरी 58 इनग्रेडिएंट्स की सूचना के साथ ही उनकी मौजूदा कीमतों के बारे में पूरी जानकारी 3 मार्च तक सौंपने को कहा गया है. दवा निर्माता किस फॉर्मेट में यह जानकारी सौपेंगे, उसके बारे में भी जानकारी दी गई है.

API का इस्तेमाल

API का इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता है, जिनमें एंटीबॉयोटिक्स, विटामिंस के अलावा अलग अलग बीमारियों में काम आने वाली अन्य जरूरी दवाएं होती हैं. भारत में API के लिए घरेलू इंडस्ट्री से मांग पूरी नहीं हो पाती है, जिससे इनका चीन से आयात करना पड़ता है. इसमें विटामिन B12, विटामिन B1, विटामिन B6, विटामिन E, पैरासीटामॉल, नॉरफ्लॉक्सासीन, नियोमाइसीन जैसे नाम शामिल हैं.

Nppa