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घरेलू उड़ानों की संख्या की सीमा को कोविड-19 पूर्व के 60 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी स्तर कर दी गई है.
भारतीय एयरलाइन द्वारा संचालित की जाने वाली घरेलू उड़ानों की संख्या की सीमा को कोविड-19 पूर्व के 60 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी स्तर कर दी गई है. केंद्रीय नगर विमानन मंत्री (सिविल एविएशन) हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को यह जानकारी दी. नगर विमानन मंत्रालय ने 2 सितंबर को कहा था कि मौजूदा कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारतीय एयरलाइंस अधिकतम कोविड-19 पूर्व के घरेलू पैसेंजर उड़ानों का 60 फीसदी संचालित कर सकती है. 29 अक्टूबर को यह साफ किया गया था कि 60 फीसदी की सीमा 24 फरवरी 2021 या अगले आदेश तक रहेगी.
मुसाफिरों की संख्या में भी इजाफा
पुरी ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि घरेलू ऑपरेशंस 25 मई को 30 हजार मुसाफिरों के साथ शुरू हुआ और ह 8 नवंबर 2020 को 2.06 लाख पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि सिविल एविएशन मंत्रालय अब घरेलू एयरलाइंस को अपने ऑपरेशंस को मौजूदा 60 फीसदी से बढ़ाकर कोविड-19 की मंजूर क्षमता का 70 फीसदी कर रहा है.
मंत्रालय ने घरेलू पैसैंजर सेवाओं को 25 मई से दोबारा शुरू किया था. यह कोरोना वायरस के वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दो महीने के अंतर के बाद किया गया था. हालांकि, एयरलाइंस को कोविड-19 पूर्व के 33 फीसदी से ज्यादा घरेलू उड़ानों का संचालन करने की इजाजत नहीं थी.
26 जून को इसे बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया था और 2 सितंबर को इसे और बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया गया.
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हवाई किराये पर लिमिट जारी रहेगी
बता दें कि घरेलू उड़ानों पर हवाई किराये की ऊपरी और निचली सीमा 24 नवंबर के बाद तीन महीने तक और लागू रहेगी. हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी थी. मंत्रालय ने सबसे पहले 21 मई को सात बैंड के जरिए हवाई किराये की ऊपरी और निचली सीमा 24 अगस्त के तक के लिए लागू की थी. इसका वर्गीकरण सफर के समय के हिसाब से किया गया था. बाद में इसे बढ़ाकर 24 नवंबर कर दिया गया था. पुरी ने कहा था कि अनुसूचित घरेलू उड़ानें इस साल के आखिर तक कोविड-19 के पहले के स्तर पर पहुंच जाएंगी.
(Input:PTI)