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Since the share of MSPs in the economic costs of wheat and rice is 69-72%, the government has been trying to lower the incidentals to reduce the overall costs.
सरकार की धान की खरीदारी इस खरीफ सीजन में अब तक 20.25 फीसदी बढ़कर 281.28 लाख टन पर पहुंच गई है. इसमें पंजाब का सबसे ज्यादा योगदान है. केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी. धान की खरीद फसल के जल्दी आने से पंजाब और हरियाणा में 26 सितंबर से शुरू हुई जबकि दूसरे राज्यों में इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर से हुई. खरीफ सीजन में देश की 80 फीसदी से ज्यादा धान की फसल उगती है.
पंजाब का 196.13 लाख टन का योगदान
सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीदारी करती है. मंत्रालय ने बयान में बताया कि 281.28 लाख टन की कुल खरीदारी में से अकेले पंजाब ने 196.13 लाख टन का योगदान किया, जो कुल खरीद का 69.73 फीसदी फीसदी है. वर्तमान में जारी खरीफ सीजन में 15 नवंबर तक कुल खरीद 20.25 फीसदी बढ़ी है. यह एक साल पहले की अवधि में 233.89 लाख टन थी.
सरकार ने धान की खरीद अब तक 53,105.70 करोड़ रुपये की MSP वैल्यू पर की है जिससे 24.14 लाख किसानों को लाभ हुआ है. वर्तमान साल के लिए, केंद्र ने धान (सामान्य ग्रेड) का MSP 1,868 रुपये प्रति क्विंटल पर तय किया है. जबकि A ग्रेड का 1,888 रुपये प्रति क्विंटल पर फिक्स किया गया है.
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दालों और तिलहन की खरीदारी जारी
मंत्रालय के मुताबिक, इस खरीफ 2020-21 मार्केटिंग सीजन में धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, केरल, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बेहद अच्छे से जारी है.
सरकार नोडस एजेंसियों के जरिए दालों और तिलहन की MSP पर प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत खरीदारी कर रही है जो तब संचालित होती है, जब बाजार की कीमत सपोर्ट प्राइस के नीचे गिर जाती है. 15 नवंबर तक करीब 58,623.22 टन मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की 325.78 करोड़ की MSP वैल्यू पर हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में 34,149 किसानों से खरीदारी की गई है.