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सीरम इंस्टीट्यूट ने प्रति डोज 188 रुपये की प्राइस पर बिडिंग की है जिस पर टैक्स अतिरिक्त है. इससे पहले केंद्र सरकार ने जिस भाव पर इनएक्टीवेटेड पोलियो वैक्सीन की खरीदारी की थी, वह इससे लगभग आधा था. (File Photo- Reuters)
Inactivated Polio Vaccine: पोलियो वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट (SII) सबसे कम प्राइस पर बिड ऑफर करने के बावजूद यह महंगा है. सीरम इंस्टीट्यूट ने प्रति डोज 188 रुपये की प्राइस पर बिडिंग की है जिस पर टैक्स अतिरिक्त है. इससे पहले केंद्र सरकार ने जिस भाव पर इनएक्टीवेटेड पोलियो वैक्सीन की खरीदारी की थी, वह इससे लगभग आधा था. पिछली बार सरकार ने 91 रुपये प्रति डोज के भाव से खरीदारी की थी. दोगुनी कीमत को लेकर सरकार की खरीद समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मोलभाव (नेगोशिएट) करने का अनुरोध करने का फैसला किया है.
ऑफिशियल स्रोत के मुताबिक पुणे स्थित एसआईआई ने 180 लाख डोज की आपूर्ति के लिए प्रति डोज 188 रुपये का प्राइस तय किया है जोकि 106.55 फीसदी अधिक है. इसमें प्राइस में टैक्स शामिल नहीं है.
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FY22 में आईपीवी के 180 लाख डोज की होगी आपूर्ति
रूटीन इम्यूनिजाइजेशन प्रोग्राम के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में आईपीवी (इनएक्टीवेटेड पोलियो वैक्सीन) के 180 लाख डोज की आपूर्ति के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) के चेयरमैनशिप में 28 मई, 31 मई और 1 जून को इंटीग्रेड पर्चेज कमेटी (आईपीसी) की बैठक हुई थी. आईपीसी ने पाया कि एसआईआई ने सबसे कम प्राइस पर बिड की है जोकि इससे पहले की खरीद प्राइस 91 रुपये प्रति डोज से दोगुने से भी अधिक है. इसके बाद आईपीसी ने कंपनी से आगे मोलभाव किए जाने को रिकमंड किया है.
स्वास्थ्य मंत्री से उच्च स्तरीय वार्ता की सिफारिश
31 मई को आईपीसी मीटिंग में वैक्सीन कंपनी के प्रतिनिधि से कीमतों में बढ़ोतरी के उचित कारणों के बारे में पूछा गया था. इस पर कंपनी प्रतिनिधि ने कहा कि एसआईआई आईपीवी टेंडर में पहली बार शामिल हुई है और उन्हें अपनी तरफ से सबसे बेहतर प्राइस 188 रुपये (टैक्स अतिरिक्त) कोट किया गया जोकि यूनिसेफ प्राइस से भी कम है. आईपीसी ने वैक्सीन कंपनी से इस कोटेड प्राइस पर विचार करने को कहा है लेकिन कंपनी ने कहा कि उनके लिए इसे कम करना संभव नहीं है. इसके अलावा कंपनी ने मंत्रालय से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द इसके लिए ऑर्डर प्लेस किया जाए ताकि डिलीवरी शेड्यूल प्लान किया जा सके. इसके बाद 1 जून को आईपीसी मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध करने का फैसला किया गया ताकि वह कंपनी से उच्च स्तरीय वार्ता कर सकें.