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Image: PTI
सरकार ने प्याज के आयात के नियमों में 15 दिसंबर तक ढील दे दी है ताकि इसका जल्दी शिपमेंट हो सके. इसके पीछे मकसद प्याज की देश में सप्लाई बढ़ाना और इसकी बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाना है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान में कहा कि बफर स्टॉक से ज्यादा प्याज बाजार में आपूर्ति करने का भी फैसला किया गया है.
उल्लेखनीय है कि प्याज की कीमतों में हाल के दिनों में काफी तेजी आई है. मंगलवार को चेन्नई में प्याज की खुदरा कीमतें 73 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई थीं. दिल्ली में प्याज 50 रुपये प्रति किलो, कोलकाता में 65 रुपये प्रति किलो और मुंबई में 67 रुपये प्रति किलो पर बिक रही थी. एक्सपर्ट व ट्रेडर्स का मानना है कि दक्षिण और पश्चिमी क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से सप्लाई में रुकावट पैदा हुई और खरीफ फसल की आवक प्रभावित हुई, जो कि आने वाले हफ्तों में शुरू होने वाली है.
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खपत में ही इस्तेमाल हो प्याज, किया जा रहा सुनिश्चित
मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 10 दिनों में प्याज 11.56 रुपये प्रति किलो महंगी हुई, जिससे इसका ऑल इंडिया रिटेल प्राइस 51.95 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया. यह भाव पिछले साल के 46.33 रुपये प्रति किलो के भाव से 12.13 फीसदी ज्यादा है.
प्याज का आयात करने के लिए सरकार ने 15 दिसंबर तक नियमों में ढील दी है. आयातकों से यह गारंटी ली जाएगी, कि आयातित प्याज का इस्तेमाल खपत में होगा न कि प्रोपेगेशन में. इसके अलावा महंगी प्याज पर अंकुश के लिए सरकार सितंबर की दूसरी छमाही से बफर स्टॉक से प्याज प्रमुख मंडियों और सफल, केन्द्रीय भंडार व एनसीसीएफ, राज्य सरकारों को सप्लाई कर रही है. आगे बफर स्टॉक से और प्याज निकाली जाएगी. सितंबर में सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.