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COVID Vaccine Pricing: वैक्सीन की ऊंची कीमतों पर विवाद के बाद जागी सरकार, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से दाम घटाने को कहा

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी खबर, दोनों कंपनियां जल्द कर सकती हैं घटी हुई कीमतों का एलान, सरकार से छूट मिलने पर घोषित किए हैं बढ़े हुए दाम

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी खबर, दोनों कंपनियां जल्द कर सकती हैं घटी हुई कीमतों का एलान, सरकार से छूट मिलने पर घोषित किए हैं बढ़े हुए दाम

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PTI
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COVID Vaccine Pricing: वैक्सीन की ऊंची कीमतों पर विवाद के बाद जागी सरकार, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से दाम घटाने को कहा

पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से टीकों के दाम घटाने को कहा है.

Vaccine Pricing Controversy: देश में दिनों-दिन गहराते कोरोना संकट के बीच वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने टीके के दाम बढ़ाए तो उन पर आपदा में मुनाफाखोरी का अवसर तलाशने के आरोप लगने लगे. विपक्ष के तीखे हमलों और जनता पर बोझ बढ़ने की आशंकाओं के बीच आखिरकार मोदी सरकार भी जाग गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार ने कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक और कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट से कोविड-19 टीकों के दाम घटाने को कहा है.

सरकार ने कंपनियों को दी है दाम तय करने की छूट

सरकार ने कुछ ही दिनों पहले वैक्सीन निर्माताओं को दाम खुद तय करने की छूट दी थी, जिसे बाद दोनों ही कंपनियों ने राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों से कई गुना ऊंची कीमतें वसूलने का एलान कर दिया था. नई कीमतों की घोषणा का विपक्षी दलों के साथ ही तमाम राज्य सरकारें भी कड़ा विरोध कर रही हैं. पीटीआई के मुताबिक सोमवार को कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में वैक्सीन की कीमतों के मुद्दे पर विचार किया गया. जिसके बाद सरकार ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को दाम घटाने को कहा है. अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों कंपनियां जल्द ही अपनी वैक्सीन की कीमतें घटाने का एलान कर सकती हैं.

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भारत बायोटेक ने बेतहाशा बढ़ाए दाम, सीरम इंस्टीट्यूट ने भी महंगी की वैक्सीन

कोवैक्सीन नाम से कोरोना का टीका बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक टीके की एक खुराक के लिए राज्य सरकारों से 600 रुपये और निजी अस्पतालों से 1200 रुपये वसूलने का एलान कर चुकी है. जबकि कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन की एक डोज़ के लिए राज्य सरकारों से 400 रुपये और निजी अस्पतालों से 600 रुपये लेने का एलान किया है. दोनों ही कंपनियां केंद्र सरकार को यही वैक्सीन 150 रुपये प्रति खुराद की दर से मुहैया कराती हैं.

केंद्र सरकार की नई टीकाकरण नीति से बढ़े दाम

केंद्र सरकार ने टीकाकरण की नई नीति के तहत 1 मई से देश में 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की इजाजत दे दी है. इसके साथ ही सरकार ने निजी अस्पतालों और राज्य सरकारों को वैक्सीन कंपनियों से सीधे टीका खरीदने को भी कह दिया है. नई नीति के तहत कंपनियां वैक्सीन सप्लाई का 50 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार को देंगी, जबकि बाकी 50 फीसदी टीके वे राज्य सरकारों को सप्लाई करने और खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र हैं. इस बिक्री के लिए वैक्सीन की कीमतें तय करने का अधिकार भी निजी कंपनियों को ही दे दिया गया है.

राज्य सरकारों ने किया मुनाफावसूली का विरोध

इस छूट के तहत दोनों कंपनियों ने जब अपनी वैक्सीन के बढ़े हुए दामों का एलान किया तो कई राज्य सरकारों ने इसे महामारी के बीच मुनाफाखोरी की शर्मनाक कोशिश बताते हुए कड़ी आलोचना की. कांग्रेस ने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि वैक्सीन कंपनियां मोदी सरकार की शह 1 लाख 11 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा की मुनाफाखोरी कर रही हैं. राज्य सरकारों का कहना है कि उन्हें भी वैक्सीन उसी कीमत पर मिलनी चाहिए, जिस पर केंद्र सरकार को मिलती है. जानकारों का मानना है कि राज्य सरकारें भले ही टीके की कीमत सीधे तौर पर जनता से वसूल न करें, लेकिन वे जो भी भुगतान कंपनियों को करेंगी उसका बोझ टैक्स की शक्ल में आखिरकार तो आम लोगों पर ही पड़ेगा.

वैक्सीन की कीमतों पर विवाद के बीच जारी है कोरोना का कहर

वैक्सीन की कीमतों पर जारी विवाद के बीच देश में कोरोना के नए मामले और महामारी की वजह से जान गंवाने वालों की संख्या बेतहाशा बढ़ती जा रही है. एक दिन में 3 लाख 53 हजार नए केस और 2800 से ज्यादा लोगों की मौत का आंकड़ा वाकई डराने वाला है. देश में कोरोना के कुल एक्टिव केस 28 लाख से भी ज्यादा हैं, जबकि अब तक यह महामारी देश के 1 लाख 95 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है.

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