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Monkeypox: बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

भारत में अब तक Monkeypox के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं.

भारत में अब तक Monkeypox के एक भी मामले सामने नहीं आए हैं.

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Govt guidelines on monkeypox

दुनिया भर के कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच अब भारत सरकार ने भी इसे लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया है.

Monkeypox: दुनिया भर के कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच अब भारत सरकार ने भी इसे लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया है. हालांकि, भारत में अब तक इसके एक भी मामले सामने नहीं आए हैं. सरकार ने मंगलवार को गाइडलाइन जारी कर डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस यूनिट्स को इस तरह के एक भी मामले को गंभीरता से लेने के लिए कहा है और इसके साथ ही इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के तहत जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए ‘गाइडलाइन ऑन मैनेजमेंट ऑफ मंकीपॉक्स डिजीज’ में स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान करने पर जोर दिया है. इसमें आगे कहा गया है कि भले ही देश में अब तक मंकीपॉक्स वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया हो लेकिन फिर भी कई देशों में बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत को तैयार रहने की जरूरत है.

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क्या कहा गया है गाइडलाइन में

मंत्रालय ने अपने गाइडलाइन में कहा है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति की 21 दिनों तक निगरानी की जाएगी. गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि संक्रामक अवधि के दौरान किसी रोगी या उनकी दूषित सामग्री के साथ अंतिम संपर्क में आने के बाद 21 दिनों के लिए रोज निगरानी की जानी चाहिए. इसके अलावा, मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अगर किसी में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो टेस्टिंग के बाद ही इसे कंफर्म माना जाएगा.

गाइडलाइन में मामलों और संक्रमणों के समूहों और इसके स्रोतों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए एक सर्विलांस स्ट्रैटेजी बनाने की बात कही गई है, ताकि आगे इसे फैलने से रोका जा सके. गाइडलाइन में कहा गया है ऐसा इसलिए जरूरी है ताकि क्लीनिकल ​​केयर प्रदान किया जा सके, कॉटैक्ट्स की पहचान की जा सके व मैनेज किया जा सके और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को प्रोटेक्ट किया जा सके. इसके साथ ही ट्रांसमिशन को पहचानते हुए इसे फैलने से रोकने और जरूरी उपाय करने के लिए भी यह जरूरी है.

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कई देशों में सामने आए मामले

मंकीपॉक्स को कई मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों जैसे कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोटे डी आइवर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य और सिएरा लियोन में स्थानिक बीमारी के रूप में सूचित किया गया है. हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इज़राइल और स्विटजरलैंड जैसे कुछ देशों में भी मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह विकसित हो रही स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है.

(इनपुट-पीटीआई)

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