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लाइसेंस होल्डर्स कंपनियों को कॉल डेटा रिकॉर्ड, आईपी रिकॉर्ड और सभी वाणिज्यिक रिकॉर्ड कम-से-कम दो साल के लिए स्टोर करने होंगे.
सरकार ने नॉर्मल नेटवर्क के साथ ही इंटरनेट के ज़रिए विदेश से की जाने वाली कॉल, सैटेलाइट फोन कॉल, कॉन्फ्रेंस कॉल और मैसेज को कम-से-कम दो साल तक सुरक्षित रखने को अनिवार्य कर दिया है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से जारी एक सर्कुलर में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए इंटरनेशनल कॉल व मैसेज को सुरक्षित रखने के बारे में आदेश जारी किया गया है.
पहले एक साल का था प्रावधान
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने यह कदम दिसंबर में यूनिफाइड लाइसेंस में किए गए अमेंडमेंट के बाद उठाया है जिसमें कॉल डेटा रिकॉर्ड के अलावा इंटरनेट ब्योरे को दो साल के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य किया गया था. पहले यह प्रावधान सिर्फ एक साल के लिए ही लागू था. यूनिफाइड लाइसेंस होल्डर्स कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन जियो, BSNL शामिल हैं. वे अपने ग्राहकों को सैटेलाइट फोन सर्विसेज को छोड़कर सभी तरह की टेलीकॉम सर्विसेज प्रदान करती हैं.
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शुक्रवार को विभाग की तरफ से जारी इस सर्कुलर के मुताबिक, लाइसेंस होल्डर्स कंपनियों को कॉल डेटा रिकॉर्ड, आईपी रिकॉर्ड और सभी वाणिज्यिक रिकॉर्ड कम-से-कम दो साल के लिए स्टोर करने होंगे ताकि सरकार सुरक्षा कारणों से उनकी जांच कर सकें. दो साल की अवधि पूरा होने के बाद कंपनियां इस आंकड़े को नष्ट कर सकती हैं, बशर्ते कि किसी खास मामले में कोई निर्देश न दिया गया हो. यूनिफाइड लाइसेंस संबंधी प्रावधानों में किए गए बदलाव टाटा कम्युनिकेशंस, सिस्को वेबेक्स, एटीएंडटी ग्लोबल नेटवर्क पर भी लागू होंगे जिन्होंने इन लाइसेंसों को खरीदा है.