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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यापारिक समुदाय को आश्वासन दिया है कि सरकार जीएसटी कर ढांचे को सरल और तर्कसंगत बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है. यहां तक कि एक साधारण व्यापारी भी आसानी से जीएसटी का पालन कर सकता है. वित्त मंत्री ने ये बातें कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय ट्रेडर्स कन्वेंशन के दूसरे दिन कहीं. देश के सभी राज्यों के हजारों व्यापारी कैट के इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है, जो जीएसटी को सरल बनाने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए दिन रात काम कर रही है. सरकार जीएसटी फाइलिंग सिस्टम की बेहतरी के लिए सुझावों का स्वागत करती है. व्यापारियों को संबोधित करते हुए सीतारमण ने जीएसटी के कर दायरे को बढ़ाने के लिए व्यापारिक समुदाय की भूमिका की सराहना की.
व्यापारिक समुदाय PM की प्राथमिकता में
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यापारिक समुदाय को अपनी प्राथमिकता पर रखा है. सरकार द्वारा व्यापारियों को और अधिक व्यापार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए उन्हीं की विभिन्न घोषणाओं और निर्णयों के अनुसरण में काम किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने कराधान प्रणाली में व्यापारियों की समस्याओं को समझा है और उनके समाधान में सरकार जुटी हुई है. उसे अधिक बेहतर बनाने और सुचारू अनुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार व्यापारियों को अधिकतम राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
व्यापारियों को सिस्टम में लाना होगा व्यवसाय
यह भी कहा कि हालांकि व्यापारियों को अपने व्यवसाय को सिस्टम में लाना होगा और अपने मौजूदा व्यापार प्रारूप को आधुनिक बनाना होगा. उन्होंने कहा कि ग्राहकों और व्यापारियों को एक-दूसरे के करीब लाने के लिए सरकार ने पूरे देश में बड़े शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने की योजना बनाई है और इसमें कैट शामिल होगी ताकि व्यापारियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के अधिक अवसर मिल सकें.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सीतारमण को आश्वासन दिया कि कैट ने जीएसटी के तहत इस वर्ष के अंत तक पंजीकृत व्यापारियों को 2 करोड़ तक बढ़ाने का उद्देश्य निर्धारित किया है. कन्वेंशन में बुधवार को ई-कॉमर्स कंपनियों पर हल्ला बोल होगा. पूरे देश से 20 हजार से अधिक व्यापारियों के सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है.
करदाताओं का शोषण रोकने के लिए भी कदम
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकारी कराधान प्रणाली को सरल बनाने और ईमानदार करदाताओं के शोषण को रोकने की दिशा में कई कदम उठा रही है. करदाताओं का शोषण रोकने के लिए फेसलेस ई-असेसमेंट ​स्कीम अक्टूबर में लॉन्च की गई है. इसके चलते असेसिंग अधिकारी और करदाता की प्रत्यक्ष मुलाकात की जरूरत खत्म होगी.
DIN सिस्टम लाएगा ज्यादा पारदर्शिता
कर विभाग एक कंप्यूटर जनरेटेड डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) लाया है ताकि कर प्रशासन में ज्यादा पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सके. DIN कर विभाग के हर कम्युनिकेशन में मौजूद होगा. फिर वे चाहे असेसमेंट से जुड़े कम्युनिकेशन हों या फिर अपील, जांच, जुर्माने और रेक्टिफिकेशन आदि से जुड़े. इस बदलाव से करदाताओं को फर्जी टैक्स नोटिस व लेटर पहचानने में भी ​मदद मिलेगी.