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केंद्र सरकार दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से देहरादून और दिल्ली से हरिद्वार के लिए नई सड़कों पर काम कर रही है.
केंद्र सरकार दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली से देहरादून और दिल्ली से हरिद्वार के लिए नए हाईवे बनाने पर काम कर रही है. इन सड़कों के बनने से यात्रा के समय में भारी कमी आने की उम्मीद है. अनुमान है कि दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-देहरादून और दिल्ली-हरिद्वार के बीच नए रोड बनने के बाद इन सभी रूट्स पर यात्रा का समय घटकर 2 घंटे के आसपास रह जाएगा. जबकि अभी इसी सफर को पूरा करने में करीब 5 घंटे लगते हैं. नए सड़क प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि फ्यूल की खपत भी घटेगी. इसका फायदा कम प्रदूषण के रूप में भी मिलेगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार अगले दो साल में दिल्ली से कटरा एक्सप्रेसवे का प्रोजेक्ट भी लॉन्च कर देगी, जिससे दोनों शहरों के बीच की दूरी 727 किलोमीटर से घटकर 572 किलोमीटर रह जाएगी. मंत्री ने बताया कि नए एक्सप्रेस-वे के जरिए छह घंटे में दिल्ली से कटरा पहुंचा जा सकेगा.
Delhi-Katra expressway will be launched in 2 years, to reduce distance from 727 to 572 km, you'll reach Katra from Delhi in 6 hours. We're also working on new roads from Delhi-Chandigarh, Delhi-Dehradun & Delhi-Haridwar, to take you there in 2 hrs: Union Road Min Nitin Gadkari pic.twitter.com/fGXVSL5Pjz
— ANI (@ANI) September 16, 2021
इसके अलावा, गडकरी ने आज रतलाम में 8-लेन दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे के मध्य प्रदेश खंड के निर्माण कार्यों का जायजा लिया. एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट अगले साल नवंबर में 8,437 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरा होने वाला है.
दिल्ली से मुंबई पहुंचने में लगेंगे महज 12 घंटे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे मंदसौर (102.4 किमी), रतलाम (90.1 किमी) और झाबुआ (52 किमी) से होकर गुजरेगा. यह एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश में कुल 245 किमी की दूरी तय करेगा. 8-लेन एक्सप्रेसवे के तहत मध्य प्रदेश के तीन जिलों में 214 पुल, 511 पुलिया, 100 छोटे और बड़े अंडरपास और सात टोल बूथ होंगे. इस नए एक्सप्रेसवे से दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर लगभग 12 घंटे रह जाने की उम्मीद है.
32 करोड़ लीटर से ज्यादा ईंधन की होगी बचत
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, इस एक्सप्रेसवे के बनने से हर साल लगभग 32 करोड़ लीटर से ज्यादा ईंधन की बचत होगी. इतना ही नहीं, इससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी 85 करोड़ किलोग्राम तक कम होगा, जो कि लगभग 400 लाख पेड़ लगाने के बराबर है. पर्यावरण संरक्षण के लिए राजमार्ग के किनारे करीब 20 लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे.