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PMGKAY : मार्च तक बढ़ी मुफ्त अन्न योजना तो बफर से कम रह जाएगा चावल का स्टॉक, बजट पर पड़ेगा 90 हज़ार करोड़ का बोझ

पिछले करीब 20 साल में ऐसा पहली बार होगा अगर वित्त वर्ष 2022-23 के अक्टूबर-मार्च तक PMGKAY के तहत फ्री अन्न वितरण (गेहूं-चावल) किया गया तो बफर से चावल का स्टॉक काफी घट जाएगा.

पिछले करीब 20 साल में ऐसा पहली बार होगा अगर वित्त वर्ष 2022-23 के अक्टूबर-मार्च तक PMGKAY के तहत फ्री अन्न वितरण (गेहूं-चावल) किया गया तो बफर से चावल का स्टॉक काफी घट जाएगा.

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FE Hindi Desk
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PMGKAY free ration scheme

फ्री राशन स्कीम PMGKAY को मार्च 2023 तक बढ़ाने के लिए करीब 90 हजार करोड़ रुपये का होगा खर्च

PMGKAY : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) अगर सातवीं बार बढ़ाई गई तो बफर से चावल का स्टॉक घट जाएगा. पिछले करीब 20 साल में ऐसा पहली बार होगा. वित्त वर्ष 2022-23 के अक्टूबर-मार्च तक PMGKAY के तहत फ्री अन्न वितरण (गेहूं-चावल) किए जाने के कारण बफर स्टॉक में चावल की ऐतिहासिक कमी देखने को मिलेगी. यह जानकारी खाद्य मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने जानकारी दी है. इस दौरान उन्होंने ने बताया कि 1 अप्रैल 2023 तक सरकारी बफर में चावल का स्टॉक 1.2-1.3 करोड़ टन होगा जो जरूरी बफर स्टॉक से कम है. सीनियर अफसर ने कहा कि 1 अप्रैल 2023 तक बफर में 1.358 करोड़ टन चावल का स्टॉक होना चाहिए मगर इस बार बफर स्टॉक में चावल की कमी हो सकती है.

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एक बार फिर बढ़ाई जा सकती है फ्री अन्न योजना

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उन्होंने आगे ये भी बताया कि अक्टूबर 2022 से अगले 6 महीने के लिए और PMGKAY स्कीम को विस्तार दिया गया तो केन्द्र सरकार के पास ओपेन मार्केट में बिक्री किए जाने की योजना के लिए या इथेनॉल ब्लेडिंग प्रोग्राम (EBP) और अन्य जरूरतों के लिए चावल का स्टॉक नहीं होगा. सातवीं बार PMGKAY स्कीम को बढ़ाया गया तो 1 अप्रैल, 2023 को सेंट्रल पूल में गेहूं के स्टॉक को 74 लाख टन बफर स्टॉक के मुकाबले 90-93 लाख टन तक कम कर दिया जाएगा. सितंबर 2022 में PMGKAY स्कीम का छठवां चरण समाप्त हो रहा है यानी इस महीने के बाद PMGKAY स्कीम के तहत फ्री में अन्न (गेहूं-चावल) वितरित होना बंद हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय कैबिनेट यानी मोदी सरकार जल्द ही PMGKAY स्कीम को आगे बढ़ाए जाने का फैसला ले सकती है.

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90 हजार करोड़ होंगे खर्च

खाद्य मंत्रालय के एक आंतरिक नोट का रिव्यू करने पर फाइनेंशियल एक्सप्रेस को जानकारी मिली कि मौजूदा अनाज संरचना के साथ वित्त वर्ष 2022-23 के अक्टूबर से मार्च तक PMGKAY स्कीम को बढ़ाए जाने पर 90,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. जिससे फूड सब्सिडी खर्च और बढ़ जाएगी. साथ ही इसके लिए सरकार को अतिरिक्त अनाज की जरूरत भी पड़ेगी. सूत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2020 से रोल ऑउट हुए PMGKAY स्कीम पर केन्द्र सरकार द्वारा 316 करोड़ रूपये (cross 3.16 trillion) से ज्यादा खर्च किए जाने का अनुमान है. वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने पहले ही इस फ्री राशन योजना की उच्च बजटीय लागत पर चिंता जाहिर कर चुकी है. साथ ही विभाग PMGKAY स्कीम को सितंबर 2022 से आगे बढ़ाए जाने के खिलाफ भी अपना तर्क दे चुकी है.

(Article : Sandip Das)

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