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ब्रिटेन भारत व्यापार परिषद (UKIBC) का मानना है कि भारत सरकार कंपनियों द्वारा जताई जा रही चिंताओं को लेकर जागरूक है, लेकिन ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए उसे अभी और कुछ करने की जरूरत है. समूह की यह टिप्पणी केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अमेजन पर बयान को लेकर हो रही आलोचना के बीच आई है. गोयल ने कहा था कि अमेजन भारत में निवेश की घोषणा कर कोई ‘एहसान’ नहीं कर रही है.
अमेजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेफ बेजोस ने हाल में कहा था कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी भारत में लघु एवं मझोले उपक्रमों को डिजिटल बनाने पर एक अरब डॉलर (करीब 7,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी. हालांकि यूकेआईबीसी के सीईओ रिचर्ड हील्ड ने इसके बाद आए पीयूष गोयल के बयान के निवेशकों पर पड़ने वाले प्रभाव पर विशेष रूप से कुछ नहीं कहा.
ई-कॉमर्स क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं
हील्ड ने कहा कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं, खासकर छोटी इकाइयों के लिए जिन्हें ई—कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पाद बेचने का अवसर मिलता है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं ई-कॉमर्स क्षेत्र का बड़ा प्रशंसक हूं और मुझे लगता है कि इस क्षेत्र को सही तरीके से समझा नहीं गया. इसकी आपूर्ति श्रृंखला में काम करने वालों और आम जनता को इससे क्या फायदा होता है, इसके बारे में सही समझ नहीं बन पाई.’’
कंपनी को है कारोबारी मॉडल चुनने की आजादी
हील्ड ने कहा कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की ई-कॉमर्स क्षेत्र में उतरने की योजना है. हालांकि, कंपनी इसके लिए अलग कारोबारी मॉडल अपनाएगी. कोई भी कंपनी अपनी पसंद या प्राथमिकता के हिसाब से कारोबारी मॉडल अपना सकती है. उन्होंने आगे कहा कि भारत में निवेश को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, ई-कॉमर्स सेक्टर को प्रोत्साहन देना महत्वपूर्ण है.