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इसरो के नॉटी बॉय राकेट ने किया कमाल, मौसम संबंधी सैटेलाइट INSAT-3DS को कक्षा में पहुंचाया

इसरो ने INSAT-3DS सैटेलाइट को सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचाया. सैटेलाइट का मकसद पृथ्वी और समुद्र की सतह की निगरानी करने के साथ ही मौसम और आपदा संबंधी पूर्वानुमान को उपलब्ध कराना है.

इसरो ने INSAT-3DS सैटेलाइट को सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचाया. सैटेलाइट का मकसद पृथ्वी और समुद्र की सतह की निगरानी करने के साथ ही मौसम और आपदा संबंधी पूर्वानुमान को उपलब्ध कराना है.

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FE Hindi Desk
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ISRO Climate Weather satellite

एक जनवरी को PSLV-C58/XPoSat मिशन के सफल लॉन्च के बाद 2024 में इसरो के लिए यह दूसरा मिशन है. (Image: ISRO)

इसरो ने शनिवार को GSLV-F14 के जरिए मौसम संबंधी सैटेलाइट INSAT-3DS को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया. INSAT-3DS सैटेलाइट का मकसद पृथ्वी और समुद्र की सतह की निगरानी करने के साथ ही मौसम और आपदा संबंधी पूर्वानुमान को उपलब्ध कराना है. एक जनवरी को PSLV-C58/XPoSat मिशन के सफल लॉन्चिंग के बाद 2024 में इसरो के लिए यह दूसरा मिशन है.

जीएसएलवी एफ14 इनसैट-3डीएस मिशन के निदेशक टॉमी जोसेफ ने कहा कि नॉटी बॉय ‘जीएसएलवी’ परिपक्व होकर एक ‘‘अत्यंत आज्ञाकारी और अनुशासित लड़का’’ बन गया है. उन्होंने बताया कि पीएसएलवी की तरह जीएसएलवी भी इसरो का एक मजबूत यान बन गया है. इसरो की ओर से बताया गया कि लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी-एफ14 ने इनसेट-3डीएस सैटेलाइट को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में स्थापित किया.

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इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो (ISRO) ने INSAT-3DS सैटेलाइट लॉन्च किया. स्पेस एजेंसी ने शनिवार को जीएसएलवी रॉकेट के जरिए तीसरी पीढ़ी के मौसम संबंधी सैटेलाइट ‘इनसेट-3डीएस’ (INSAT-3DS) को सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया. इस सैटेलाइट का मकसद पृथ्वी की सतह और समुद्री अवलोकनों के अध्ययन को बढ़ावा देना है. 51.7 मीटर लंबा GSLV-F14 रॉकेट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया. 

इसरो ने कहा कि 2,274 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट मौसम विभाग (आईएमडी-IMD) सहित पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा. एक जनवरी को पीएसएलवी-सी58/एक्सपोसेट मिशन के सफल लॉन्च के बाद 2024 में इसरो के लिए यह दूसरा मिशन है.

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